NIOS घोटाला: अनुपस्थित STUDENT पास करने के मामले में स्टाफ का TRANSFER

BHOPAL: सीबीएसई और माध्यमिक शिक्षा मंडल के समकक्ष माने जाने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) की 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में बड़ी धांधली उजागर हुई है। राष्ट्रीय संस्थान में हुई गड़बड़ी के केंद्र में श्यामला हिल्स स्थित एनआईओएस का रीजनल सेंटर है। अप्रैल-मई 2017 में हुई 10वीं-12वीं की परीक्षा में सीहोर, रतलाम और उमरिया के परीक्षा केंद्रों से बड़े पैमाने पर ऐसे छात्र पास हुए हैं, जो परीक्षा में गैरहाजिर थे। परीक्षा में शामिल नहीं तो फिर आंसर शीट जांच के लिए कैसे पहुंची एनआईओएस के नियमों के मुताबिक यहां किसी भी परीक्षा में नामांकन के लिए जिस प्रदेश में आवेदन कर रहे हैं, वहां का स्थानीय निवासी होना जरूरी है। सीबीआई अब एक-एक आवेदन से यह जांचने की कोशिश कर रही है कि मप्र के बाहर के छात्र यहां किस आधार पर नामांकित हुए। उन्होंने मप्र का निवासी होने के लिए कौन-कौन से फर्जी दस्तावेज बनाए। जब छात्रों ने परीक्षा ही नहीं दी तो उनकी आंसरशीट मूल्यांकन के लिए गुवाहाटी कैसे पहुंची? ये आंसरशीट कहां भरी गईं?

सीबीआई के व्यापमं जोन ने इस मामले में जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर ली है। जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक तौर पर इस मामले में मप्र सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार सहित 20 से ज्यादा राज्यों के छात्र संस्थान के अधिकारी-कर्मचारी और मिडिएटर के शामिल होने का पता चला है। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, आरोपियों की संख्या भी बढ़ सकती है। सीबीआई डायरेक्टर आलोक कुमार वर्मा को दिल्ली में 12 सितंबर को एक शिकायत मिली थी। शिकायत मानव संसाधन मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी एसएस संधु ने की थी। इस शिकायत के साथ मंत्रालय की ओर से इंटरनल कमेटी की जांच रिपोर्ट भी दी गई थी, इसमें कहा गया था कि एनआईओएस की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में जो छात्र उपस्थित ही नहीं थे, उन्हें भी उत्तीर्ण घोषित किया गया है। सीबीआई की प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाई गई। 

सीबीआई के शीर्ष पदस्थ सूत्रों का कहना है कि इस मामले के तार देश के 20 से ज्यादा राज्यों से जुड़े हैं। बोगस ढंग से पास हुए छात्रों की संख्या भी दो हजार से ज्यादा हो सकती है। यह घोटाला इसलिए है, क्योंकि प्रारंभिक जांच में गुवाहाटी के एनआईएस के एक कर्मचारी के अकाउंट में लाखों रुपए भेजे जाने के साक्ष्य मिले हैं। उधर, इस धांधली के उजागर होने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने श्यामला हिल्स स्थित रीजनल सेंटर के डायरेक्टर एसआर खान सहित 12 लोगों का तबादला कर दिया है।

नहीं था लोगो... बोगस आंसरशीट, अटेंडेंसशीट में भी की गई टेंपरिंग: सीबीआई की शुरुआती जांच में यह पता चला है कि मध्यप्रदेश स्थित रीजनल सेंटर से जो कॉपियां मूल्यांकन के लिए गुवाहाटी भेजी गई थीं, उनमें एनआईओएस का लोगो भी नहीं था। इतना ही नहीं, परीक्षा केंद्रों से भेजी गई अटेंडेंसशीट में भी टेंपरिंग की गई है। एनआईओएस पूरे प्रदेशभर में सिर्फ केंद्रीय विद्यालयों और जवाहर नवोदय विद्यालयों में ही परीक्षा केंद्र बनाता है।

दिल्ली से गुवाहाटी... कर्मचारी के अकाउंट में भेजे गए लाखों रुपए:दैनिक भास्कर के पास सीबीआई की प्रारंभिक जांच की वह रिपोर्ट उपलब्ध है, जिसमें यह कहा गया है कि दिल्ली स्थित एक बैंक शाखा से गुवाहाटी रीजनल सेंटर के एक कर्मचारी के खाते में बड़ी धनराशि ट्रांसफर होने के साक्ष्य मिले हैं। अलग-अलग बार यह राशि भेजी गई है। सीबीआई अधिकारी अभी यह गणना कर रहे हैं कि कुल कितने रुपए उस कर्मचारी के अकाउंट में पहुंचे।

क्यों अहम है एनआईओएस:एनआईओएस मानव संसाधन मंत्रालय के अधीन काम करने वाला केंद्रीय संस्थान है, जो दूरस्थ पाठ्यक्रम संचालित करता है। वर्तमान में संस्थान में डीएलएड के लिए 15 लाख शिक्षकों ने नामांकन कराया है। इसमें 1.65 लाख शिक्षक तो मप्र के हैं। 10वीं-12वीं के लिए हर साल औसतन 35 हजार छात्र भोपाल रीजनल सेंटर में नामांकित होते हैं। एनआईओएस से जारी 10वीं-12वीं के सर्टिफिकेट सीबीएसई और माध्यमिक शिक्षा मंडल के सर्टिफिकेट के समान ही मान्य हैं।

मध्यप्रदेश को ही क्यों चुना...दैनिक भास्कर संवाददाता ने एनआईओएस के रीजनल सेंटर के क्षेत्रीय निदेशक वीएस रवींद्रन से पूछा कि गड़बड़ी के लिए सिर्फ मध्यप्रदेश को ही क्यों चुना गया? तो उनका जवाब था कि वे कुछ दिनों पहले ही यहां पदस्थ हुए हैं। गड़बड़ी की सीबीआई जांच शुरू हो गई है। ऐसे में उनका इस संबंध में कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा। एडिशनल डायरेक्टर डॉ. एकता पाण्डेय का कहना है कि यहां का पूरा स्टाफ नया है। पहले क्या हुआ? इस संबंध में किसी को कोई जानकारी नहीं है। गड़बड़ी के वक्त यहां पदस्थ रहे क्षेत्रीय निदेशक एसआर खान से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

- सीहोर, रतलाम, उमरिया के केंद्रों पर हुई गड़बड़ी, बिना परीक्षा दिए पास होने वालों में ज्यादातर उड़ीसा, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार सहित अन्य राज्यों के छात्र।

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