भोपाल। निशातपुरा इलाके में रहने वाली 9वीं कक्षा की छात्रा रागिनी सिंह मीणा (14) ने फांसी लगाकर जान दे दी। सुसाइड का कारण मोबाइल, फेसबुक या प्रेम प्रसंग नहीं है। रागिनी पढ़ना चाहती थी। मां की बीमारी के कारण परीक्षा नहीं दे पाई थी। उसे सरकारी हॉस्टल से निकाल दिया गया था। वो अपनी मां को लेकर डीईओ के पास गई और एक मौके की मांग की लेकिन डीईओ छात्रा की बातों पर ध्यान ही नहीं दिया।
पुलिस के अनुसार करोंद इलाके में रहने वाली रागिनी पिता ज्ञान सिंह मीणा मूलत: बैरसिया की रहने वाली थी। वह 9वीं क्लास की छात्रा थी। मंगलवार को उसने अपने घर के बाथरूम में दुपट्टे से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना के समय उसकी मां पप्पी बाई दूसरे कमरे में आराम कर रही थी। उसने एक छोटा सा सुसाइड नोट लिखा है, 'मैं अपनी मौत की खुद जिम्मेदार हूं।'
मृतका के पिता ज्ञान सिंह हत्या के एक मामले में 2007 से जेल में बंद हैं। परिवार में मृतका समेत दो बहनें और दो भाई हैं। उनके घर की जिम्मेदारी मां और नाना नानी के जिम्मे है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
वार्डन ने उसे हॉस्टल से निकाल दिया था
मृत छात्रा की मां पप्पीबाई ने बताया कि मेरी बेटी रागिनी तुलसी नगर में स्थित शासकीय नवीन कन्या स्कूल के छात्रावास में रहकर 9वीं क्लास में पढ़ती थी। मुझे सिर में टयूमर होने के कारण वह सालभर पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाई थी। बीते जून में छात्रावास की वार्डन ने उसे बोला कि वह 9वीं क्लास में फेल हो गई है। इसलिए उसे हॉस्टल से निकाला जा रहा था।
डीईओ के सामने गिड़गिड़ाई, लेकिन...
उसके बाद से रागिनी बहुत परेशान थी। वह 8 दिन पहले तक रोजाना हॉस्टल के चक्कर लगा रही थी। वह मुझे भी लेकर गई। हमने हॉस्टल प्रबंधन और जिला शिक्षा अधिकारी से भी गुहार लगाई। उनके सामने गिड़गिड़ाए कि बेटी को एक मौका दे दो। वह पढ़ना चाहती है, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। मेरी बेटी इस सिस्टम से हार गई और उसने जान दे दी।
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