BHOPAL: मूक-बधिर युवतियों से ज्यादती का आरोपी बोला: मेरे खिलाफ साजिश हुई है | MP NEWS

भोपाल। मूक-बधिर युवतियों से ज्यादती और छेड़छाड़ के आरोपी अश्विनी शर्मा का मंगलवार को मेडिकल परीक्षण नहीं हो सका। पुलिस उसे ज्यादती और अप्राकृतिक कृत्य के दूसरे केस में गिरफ्तार कर मेडिकल परीक्षण कराने इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकोलीगल (एमएलआई) पहुंची थी। इधर, अदालत में पेशी के दौरान आरोपी फूट-फूट कर रोया। पिता से मुलाकात के बाद कहा कि वह अपनी खुद मामले की पैरवी करेगा। उसने दावा किया है कि उसके खिलाफ साजिश हुई है। 

डॉक्टर ने तर्क दिया कि ज्यादती के पहले केस में गिरफ्तारी के बाद अश्वनी का मेडिकल परीक्षण करवाया गया था, उसी रिपोर्ट को दूसरी केस डायरी में भी शामिल कर लें। कानून के जानकारों का कहना है कि डॉक्टर का ये तर्क बेहद गलत है। आरोपी को जितने केस में भी गिरफ्तार किया जाता है, उसका हर बार मेडिकल परीक्षण कराना जरूरी है। अश्वनी के खिलाफ पुलिस ने अब तक तीन केस दर्ज किए हैं। उसके खिलाफ दो युवतियों ने छेड़छाड़, एक ने ज्यादती और चौथी ने ज्यादती व अप्राकृतिक कृत्य का आरोप लगाया है। पहले केस की जांच सीएसपी भूपेंद्र सिंह और तीसरे केस की जांच सीएसपी एनएस राठौर कर रहे हैं। ज्यादती के पहले केस में रिमांड अवधि खत्म होने के बाद पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया। इसके बाद तीसरे केस में उसे गिरफ्तार कर अदालत से सोमवार तक रिमांड पर लिया गया। मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे पुलिस उसे लेकर जेपी अस्पताल पहुंची।

स्टायपेंड के 50 हजार नहीं मिले, इसलिए शिकायत की थी
उधर, सोमवार को अश्वनी के खिलाफ शिकायत करने वाली पांचवी युवती ने पुलिस को लिखित बयान में कहा है कि ‘अश्वनी ने मेरे साथ कभी ज्यादती की, न ही छेड़छाड़। मुझे उससे स्टायपेंड के 50 हजार रुपए लेने हैं। इसलिए सोमवार को मैंने उसके खिलाफ शिकायत की थी।फूट-फूट कर रोया, बोला खुद करूंगा पैरवी:पुलिस ने मंगलवार दोपहर जब अश्वनी को अदालत में पेश किया तो उसे अपने पिता नजर आ गए। पिता से कहा मैं शर्मिंदा हूं, आप भरोसा करें, मैं किसी साजिश का शिकार हुआ हूं। इस पर पिता ने जवाब दिया मुझे यकीन है, मेरा खून ऐसा नहीं कर सकता। विशेष न्यायाधीश ने आरोपी से पूछा कि आपको विधिक सहायता की जरूरत है तो उसने जवाब दिया कि नहीं मैं अपना केस खुद लड़ूंगा।

जांच 10 अगस्त को भेजी जा चुकी
पुलिस आरोपी की मेडिकल जांच कराने आई थी। जिस जांच की मांग की गई, वह जांच 10 अगस्त को की जा चुकी है। चूंकि जांच के बाद से ही आरोपी पुलिस हिरासत में है। वह बाहर नहीं गया है। इसलिए उसका दोबारा सेक्सुअल कैपेबिलिटी फॉर इंटरकोर्स टेस्ट करने से इनकार किया गया है। पुलिस से कहा है कि दोबारा जांच का वाजिब कारण बताएं या कोर्ट से आदेश लेकर आएं। - डॉ. अशोक शर्मा, डायरेक्टर एमएलआई

पुरानी मेडिकल रिपोर्ट को दूसरी केस डायरी में इस्तेमाल करना गलत
किसी भी आरोपी को जितने भी मामलों में गिरफ्तार किया जाता है, उसका हर केस में मेडिकल परीक्षण अलग-अलग ही होना चाहिए। पुरानी मेडिकल रिपोर्ट का दूसरी केस डायरी में इस्तेमाल कराने का डॉक्टर का तर्क गलत है। - विवेक चौधरी, वरिष्ठ अधिवक्ता
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