भोपाल। भोपाल में एक फर्जी लोन कंपनी (FAKE LOAN COMPANY) का खुलासा हुआ है। SAHYOG FINANCE BHOPAL के नाम से कंपनी का संचालन किया जा रहा था। यहां से देश भर के व्यापारियों को आसान शर्तों पर लोन देने के नाम पर फंसाया जाता था और फिर ठगी की जाती थी। महाराष्ट्र के एक काजू व्यापारी ने इस रैकेट का पर्दाफाश किया एवं एमपी नगर पुलिस ने फर्जी कंपनी के 2 अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा किया कि उन्होंने रेकी कर पता लगाया था कि महाराष्ट्र में लोगों को लोन प्रक्रिया की जानकारी थी, जबकि जनवरी 2018 में उन्होंने भोपाल में 50 से ज्यादा लोगों से बात की पर कोई भी उन्हें लोन प्रक्रिया के बारे में नहीं समझा पाया। इसलिए उन्होंने भोपाल को ठगी का अड्डा बना लिया था।
कोल्हापुर के व्यापारी को ठगते समय पकड़ाए
एसपी साउथ राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि कोल्हापुर महाराष्ट्र निवासी मधुकर पांडुरंग काजू के व्यापारी हैं। व्यापार के लिए उन्हें करीब एक करोड़ के लोन की जरूरत थी। इसके लिए वे पिछले कुछ महीनों से निजी फाइनेंस कंपनी के संपर्क में थे लेकिन उनका नंबर कैसे ठगों तक पहुंच गया, उन्हें पता नहीं चला। आरोपितों ने उनसे संपर्क किया था। उनकी बात संयोग फायनेंस नामक कंपनी से चलने लगी थी। 20 जुलाई को उन्हें एक करोड़ के लोन स्वीकृत करने मेल मिला था। उसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें डील के तहत 27 जुलाई को रजिस्ट्रेशन के लिए भोपाल बुलाया।
एमपी नगर स्थित होटल किशन विलास में मधुकर से कंपनी के अधिकारी राजेश, प्रदीप, विशाल, भूपेश और हेमंत ने मुलाकात की। एक करोड़ रुपए के लोन के लिए उन्होंने पांच लाख रुपए मांगे। मधुकर ने शुरुᆬआत में 20 हजार रुपए दे दिए, लेकिन फायनेंस कंपनी के अधिकारी बाकी पैसे नकद ही देने पर अड़े थे। मधुकर को पहले से ही इस पूरे मामले में शंका थी, इसलिए उन्होंने वहां कंपनी के अधिकारियों को झांसा देते हुए कहा कि वे भोपाल में उनके परिचित व्यापारियों से पैसा लेकर आते हैं। वह सीधे एमपी नगर थाने पहुंचे तथा मामले की शिकायत की। पुलिस ने होटल में दबिश दी। यहां से पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीन भाग निकले।
कर्जा बढ़ गया था तो फर्जी कंपनी बना ली
पुलिस ने इस मामले में प्रदीप जायसवाल उर्फ सोहेल पुत्र अब्दुल मजीद सोलकर (45) और रूपेश उर्फ जावेद पुत्र अमीन बेग (41) निवासी बीएमसी कॉलोनी मालवानी मल्हार वेस्ट मुंबई को गिरफ्तार किया है। तीन अन्य आरोपित अफजल शेख उर्फ अजय माधुर, देवेंद्र पारिख उर्फ राजेश पारिख तथा शादाब सलीम शेख उर्फ हेमंत शर्मा फरार हैं। सुहैल इस गिरोह का सरगना है। उसने ही रेकी की थी। एसपी ने बताया कि सभी आरोपित महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। उन पर काफी कर्जा हो चुका था, इसलिए उन्होंने ठगी करने के लिए एक फर्जी कंपनी बनाई थी। असली में यह कंपनी कोलकाता बेस्ड है, जिसका इंटरनेट पर कोई संपर्क नहीं है। इसलिए आरोपितों ने इस कंपनी का नाम उपयोग किया और इंटरनेट के माध्यम से ग्राहकों की तलाश करने लगे थे।
कर्जा बढ़ गया था तो फर्जी कंपनी बना ली
पुलिस ने इस मामले में प्रदीप जायसवाल उर्फ सोहेल पुत्र अब्दुल मजीद सोलकर (45) और रूपेश उर्फ जावेद पुत्र अमीन बेग (41) निवासी बीएमसी कॉलोनी मालवानी मल्हार वेस्ट मुंबई को गिरफ्तार किया है। तीन अन्य आरोपित अफजल शेख उर्फ अजय माधुर, देवेंद्र पारिख उर्फ राजेश पारिख तथा शादाब सलीम शेख उर्फ हेमंत शर्मा फरार हैं। सुहैल इस गिरोह का सरगना है। उसने ही रेकी की थी। एसपी ने बताया कि सभी आरोपित महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। उन पर काफी कर्जा हो चुका था, इसलिए उन्होंने ठगी करने के लिए एक फर्जी कंपनी बनाई थी। असली में यह कंपनी कोलकाता बेस्ड है, जिसका इंटरनेट पर कोई संपर्क नहीं है। इसलिए आरोपितों ने इस कंपनी का नाम उपयोग किया और इंटरनेट के माध्यम से ग्राहकों की तलाश करने लगे थे।
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