शिवराज का कुप्रभाव: चिता जलाने 2 किलोमीटर भी नहीं जा रहे ग्रामीण | MP NEWS

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह ने वोट के लालच में ऐसी योजनाएं बना दीं कि ग्रामीणों में रिकॉर्ड तोड़ लापरवाही नजर आने लगी है। कई मामले ऐसे सामने आ चुके हैं जब मरीज तड़प-तड़प कर मर गया परंतु ग्रामीण उसे अस्पताल नहीं ले गए, 108 ऐंबुलेंस का इंतजार करते रहे। जबकि गांव में वाहन थे और तड़पते मरीज के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है तत्काल इलाज, ना कि 108 ऐंबुलेंस। ताजा मामले में तो हद ही हो गई। ग्रामीण शवयात्रा को मात्र 2 किलोमीटर तक ले जाने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने सरकारी पेयजल की टंकी के नीचे चिता जला दी। 

खबर शिवपुरी जिले से आ रही है। यहां बदरवास जनपद पंचायत में मेगोनाबाड़ा नाम की ग्राम पंचायत है। यहां श्मशान घाट बना हुआ है परंतु एक बस्ती से यह श्मशान घाट मात्र 2 किलोमीटर दूर है। बीते रोज इस बस्ती में प्रेमबाई पत्नि बल्सूराम उम्र 60 साल की मृत्यु हो गई। ग्रामीण शवयात्रा को 2 किलोमीटर दूर स्थित श्मशान घाट तक नहीं ले गए बल्कि वहीं बस्ती में स्थित पेयजल की टंकी के नीचे दाह संस्कार कर दिया गया। सरपंच नरेन्द्र यादव का कहना है कि हमने इस मोहल्ले के लिए अलग से श्मशान की मांग की थी परंतु शासन ने उसे मंजूर नहीं किया। 

ग्रामीणों को कितना लापरवाह बनाएगी सरकार
यदि आप ग्रामीण नागरिक की बात करते हैं तो उसकी कुछ समस्याओं के साथ उसमें कुछ विशेष शक्तियां भी होतीं हैं। उसकी स्टेमिना आम शहरी नागरिक के 2 गुना होती है। ग्रामीण नागरिक 8 से 12 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से पैदल चल पाते हैं और वो बिना थके 20 किलोमीटर तक चल पाते हैं लेकिन अब वो 2 किलोमीटर पैदल चलने को तैयार नहीं हैं। दरअसल, सीएम शिवराज सिंह अपने भाषण में कुछ इस तरह के शब्दों का उपयोग करते हैं कि ग्रामीणों ने खुद को सरकार पर पूरी तरह से निर्भर कर लिया है। जन्म से लेकर मृत्यु तक अब हर मामले में उन्हे सरकारी सुविधाएं चाहिए। नहीं मिले तो वो अनूठे विरोध प्रदर्शन करने लगते हैं। 
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