GWALIOR: बहुचर्चित प्रीति आत्महत्या कांड से सुर्खियों में आए कैबिनेट मिनिस्टर रामपाल सिंह के बेटे गिरजेश की दो दिन तक ग्वालियर में पीडब्ल्यूडी के अमले ने खातिर की। लगभग 75 लाख की मर्सडीज कार क्रमांक mp07cu0111 में सवार गिरेजश ने इस दौरान दतिया व ओरछा का दौरा भी किया। होटल में उन्होंने इस दौरान पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों व कुछ ठेकेदारों से भी मुलाकात की। पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों ने होटल सेंट्रल पार्क में उनके लिए रूम नंबर 201, 212, 301 व 401 बुक कराए थे। उनका भुगतान भी विभागीय अफसरों ने ही किया। मंत्री के ये रिश्तेदार दो दिन तक शहर में अपनी मर्सिडीज दौड़ाते रहे और विभागीय अमला काम छोड़कर उनकी मेेहमाननवाजी में व्यस्त रहा।

इस मामले में जब रामपाल सिंहजी से पूछा गया कि क्या आपने गिरजेश को पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों की बैठक लेने ग्वालियर, दतिया व भिंड भेजा था? तब उन्होंने कहा कि नहीं, हमने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था। मैंने उन्हें कोई बैठक लेने नहीं भेजा था। वह क्यों पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों की बैठक लेगा
मेरा बेटा व अन्य रिश्तेदार भोपाल से अपने साथ दो निजी गाड़ियां लेकर ग्वालियर गए थे। इस दौरान वे दतिया और ओरछा भी घूमने के लिए गए, लेकिन उनके साथ पीडब्ल्यूडी का कोई अफसर या कर्मचारी नहीं था। पीडब्ल्यूडी के अफसर तो शिष्टाचार के नाते उससे मिलने होटल गए होंगे और उन्हें मिलना ही पड़ेगा। इसमें कुछ भी गलत नहीं है और किसी से मिलना-जुलना कोई अपराध तो नहीं है।
मेरा बेटा व अन्य रिश्तेदार भोपाल से अपने साथ दो निजी गाड़ियां लेकर ग्वालियर गए थे। इस दौरान वे दतिया और ओरछा भी घूमने के लिए गए, लेकिन उनके साथ पीडब्ल्यूडी का कोई अफसर या कर्मचारी नहीं था। पीडब्ल्यूडी के अफसर तो शिष्टाचार के नाते उससे मिलने होटल गए होंगे और उन्हें मिलना ही पड़ेगा। इसमें कुछ भी गलत नहीं है और किसी से मिलना-जुलना कोई अपराध तो नहीं है।