भोपाल। 2018 का विधानसभा चुनाव किसी भयंकर युद्ध से भी ज्यादा खतरनाक होगा। बस रक्तपात नहीं होगा लेकिन साजिश, अफवाहें, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग और नियमों का उल्लंघन खुलेआम होगा। शुरूआत हो चुकी है। सतना में सीएम शिवराज सिंह के स्वागत में प्राइमरी के मासूम बच्चों को बरसते पानी में कतार में खड़ा रखा गया तो शिवपुरी में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, कलेक्टर शिल्पी गुप्ता को साथ लेकर दलित बस्ती में जा पहुंची। महिलाओं के साथ चाय पी और कहा: मेहनत हम करें और चुनाव में वोट हाथी को मिल जाये यह नहीं होना चाहिए।
बता दें कि इस बार मध्यप्रदेश के चुनाव में बसपा महत्वपूर्ण रोल प्ले कर रही है। क्योंकि कांग्रेस ने उससे गठबंधन का ऐलान कर दिया है। यह भाजपा के उन विधायकों के लिए नींद उड़ाने वाला है जिनके क्षेत्र में बसपा का जनाधार है। अब तक बसपा के वोट कांग्रेस के नुक्सान पहुंचाते थे परंतु इस बार फायदा पहुंचाएंगे। सपा भी कांग्रेस के साथ आ गई है। अत: कांग्रेस के बागी, सपा से टिकट पर नहीं लड़ पाएंगे। यह गठबंधन यशोधरा राजे सिंधिया को निश्चित रूप से चिंता में डालने वाला है इसलिए उन्होंने अधिसूचना जारी होने से पहले ही सबकुछ फिक्स करना शुरू कर दिया है।
शिवपुरी में 10 हजार वोट प्रभावित करती है BSP
बता दें कि शिवपुरी विधानसभा में 10 हजार वोट ऐसे हैं जो हर हाल में बसपा को जाते हैं। ये कुछ इस तरह के मतदाता हैं जो सिर्फ चुनाव चिन्ह हाथी देखते हैं। जहां हाथी दिखाई देता है बटन दबा देते हैं, चाले प्रत्याशी वोट मांगने आया हो या नहीं। माना जाता है कि हाथी ना मिलने पर ये पंजे वाला बटन दबाते हैं लेकिन भाजपा को वोट कभी नहीं देते। शायद यही वोट बैंक यशोधरा राजे की चिंता का सबब हैं, इसीलिए वो कलेक्टर को साथ ले-जाकर बसपा को वोट तोड़ने की कोशिश कर रहीं हैं।
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