नई दिल्लीं। मध्यप्रदेश के गुना जिले में नेशनल हाइवे के लोकार्पण समारोह के निमंत्रण पत्र एवं शिलालेख पर स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम ना होने के मामले में आज संसद में जमकर हंगामा हुआ। सिंधिया ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। जैसे ही उन्होंने मुद्दा उठाया, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने माफी मांग ली। इसी बीच मंत्री नरेंद्र सिंह से सिंधिया की बहस शुरू हो गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की तो स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सिंधिया को फटकार लगा दी। कहा 'संरक्षण देने के लिए क्या मुझे एक लट्ठ लेके देना चाहिए।'
शून्यकाल में उठा मामला, गडकरी ने माफी मांगी
लोकसभा में शून्यकाल शुरू होते ही सिंधिया ने कहा, 'स्थानीय सांसदों को प्रोटोकाल के तहत ऐसे कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाना चाहिए।' इसके जबाव में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने माफी मांगी और स्वीकार किया कि यह नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उन्होंने मामले की जानकारी ली और इसे सत्य पाया। वह कार्यक्रम संबद्ध मंत्रालय ने आयोजित किया था।
नरेंद्र सिंह तोमर से हुआ वाकयुद्ध
गडकरी ने कहा, 'मुझे यह पता है और जब मैं वहां उपस्थित था, मुझे इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। सांसद का नाम वहां होना चाहिए। सभी लोगों की तरफ से मैं माफी मांगता हूं और यह दोबारा नहीं होगा।' इस दौरान कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल के सहयोग से सिंधिया और मध्य प्रदेश के सतना से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद गणेश सिंह और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच वाकयुद्ध हुआ।
सुमित्रा महाजन ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को फटकार लगाई
इस जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सांसद सिंधिया ने कहा कि सांसदों के हितों की रक्षा होनी चाहिए और इस गलती के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाही की जानी चाहिए, क्योंकि यह मामला एक सांसद के विशेषाधिकार हनन का मामला है। सिंधिया के शांत नहीं होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन मध्यस्थता करते हुए कहा, 'संरक्षण देने के लिए क्या मुझे एक लट्ठ लेके देना चाहिए। मैं गडकरी जी की प्रशंसा करूंगी कि उन्होंने माफी मांगी लेकिन दूसरे पक्ष का व्यवहार प्रशंसनीय नहीं है।'
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com