रिमांड पर आई श्रुति को आधी रात में घुमाने ले गए थे टीआई! | MP NEWS

बैतूल। मेडिकल छात्र यश पाठे सुसाइड केस में गिरफ्तार की गई पूर्व विधानसभा सचिव की बेटी श्रुति शर्मा को बैतूल पुलिस ने रिमांड पर लिया है लेकिन अब इस मामले में टीआई राजेश साहू संदेह की जद में आ गए हैं। बैतूल के पत्रकारों की एक टीम ने रात 12 बजे थाने जाकर देखा तो श्रुति शर्मा हवालात में नहीं थी। अचानक आई टीम ने जब सवाल दागे तो प्रहरी हड़बड़ा गया और सच बोल गया। उसने बताया कि श्रुति को साहब घुमाने ले गए हैं। अब रिमांड पर कैदियों को घुमाया जाता है या नहीं और एक युवती आधीरात में घुमाना उचित है या नहीं। ऐसे तमाम सवालों के जवाब जनता तलाश रही है। 

हड़बड़ाहट में निकला सच, फिर झूठ से छुपाने की कोशिश
रात 12 बजे बैतूल के पत्रकारों की टीम कोतवाली में पहुंची तो देखा कि लॉकअप में ना तो श्रुति है और ना ही शालीन। पत्रकारों की टीम ने थाने में मौजूद सभी लोगों से इस बारे में पूछा। सबके जवाब अलग-अलग मिले। प्रहरी रवि ने बताया कि दोनों को साहब घुमाने ले गए हैं। एचसीएम कुरैशी ने कहा कि आरोपी कहां हैं, ये जानकारी मुझे नहीं है। 

आधे घंटे बाद टीआई भी आ गए
एसआई अशोक सिंह ने श्रुति को लेकर कहा कि थाने में महिला हवालात नहीं है। इसलिए उसे एक सुरक्षित कमरे में रखा गया है। अधिक जानकारी थाना प्रभारी साहब ही दे पाएंगे। इसके आधे घंटे बाद ही टीआई थाने पहुंच गए। बुधवार को यश के परिवार ने दोनों आरोपियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने का आरोप लगाया था। 

ड्रग्स की आदी है, गर्मी से मर जाएगी: टीआई
इसी सवाल पर टीआई राजेश साहू का जवाब भी हैरत में डालने वाला था। उन्होंने कहा कि श्रुति ड्रग्स की आदी है। उसे सुरक्षा कारणों से थाने में ही एक अलग कमरे में रखा गया है। उसे हवालात में रखेंगे तो वह गर्मी से मर जाएगी, इसका जवाबदार कौन होगा? इसलिए उसे एक कमरे में महिला आरक्षक के साथ रखा गया है। श्रुति को कोई वीआईवी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। 

ड्रग एडिक्ट नहीं श्रुति: एसपी 
दो दिन तक श्रुति से पूछताछ करने के बाद एसपी बैतूल डीआर तेनीवार ने उसे ड्रग एडिक्ट न होने की बात कही है। उनका तर्क है कि दो दिन से वह हमारे पास है, यदि वह ड्रग एडिक्ट होती तो नशे की तलब उसे जरूर होती। वहीं, वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने के सवाल पर उनका कहना है कि दोनों को रात में पूछताछ के लिए दूसरे कमरे में ले गए होंगे। थाने से बाहर ले जाकर पूछताछ हो, ऐसा संभव नहीं। 

बड़ा सवाल
क्या मप्र पुलिस द्वारा ड्रग्स के आदि हर कैदी को एसी रूम उपलब्ध कराया जाता है। 
क्या टीआई को अधिकार है कि वो बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति लिए बिना कैदी को हवालात से अलग कहीं रख सके। 
क्या जिस सुरक्षित कमरे में श्रुति शर्मा को महिला पुलिस के साथ रखा गया उसमें सीसीटीवी कैमरे थे। 
वो अलग कमरा कोई सरकारी भवन था या लक्झरी होटल। 
सबसे बड़ा सवाल यह कि इस सबकी जानकारी एसपी बैतूल को क्यों नहीं थी।

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