महिलाओं के लिये सरकार का बड़ा फैसला GST के दायरे से बाहर हुए Sanitary Napkin

NEW DELHI: GST काउंसिल की 28वीं बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में जारी है. केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के दौरान काउंसिल ने सैनेटरी नैपकिन को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स (GST) के दायरे से बाहर कर दिया है. बैठक में शामिल हुए दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि सैनेटरी नैपकिन अब जीएसटी से फ्री है. वहीं चीनी पर सेस को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. सैनेटरी नैपकिन पर जीएसटी काउंसिल के फैसले से महिलाओं को बड़ी राहत मिली है. दरअसल, सैनेटरी नैपकिन अब तक 12 फीसदी के GST स्‍लैब में शामिल है. लेकिन इस फैसले की लंबे समय से आलोचना हो रही थी और कई महिला संगठनों ने इसको लेकर नाराजगी जाहिर की थी.

वहीं महाराष्‍ट्र के वित्‍त मंत्री सुधीर मुनगंटीवा ने बताया कि बांस को 12 फीसदी के टैक्‍स स्‍लैब में रखा गया है. इसके अलावा उन्‍होंने दावा किया कि चीनी पर सेस को लेकर अगली बैठक में फैसला लिया जा सकता है. बता दें कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक केरल में होने वाली है. वित्त मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद पीयूष गोयल की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की ये पहली बैठक है. बैठक में दिल्ली में एक राष्ट्रीय अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना करने पर विचार किया जा सकता है. 

जीएसटी रेट में पहले भी हो चुके दो बड़े बदलाव
नवंबर 2017 की बैठक में 213 सामानों को अधिकतम 28% जीएसटी स्लैब से निकालकर 18% के स्लैब में शामिल किया. 5% जीएसटी के दायरे में शामिल 6 सामानों पर टैक्स खत्म कर दिया. फाइव स्टार होटल के रेस्त्रां को छोड़कर बाकी होटलों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया गया. जनवरी 2018 में 54 सेवाओं और 29 वस्तुओं पर टैक्स कम किया. बता दें कि 2017-18 में जीएसटी से 7.41 लाख करोड़ रुपये आए थे. औसत मासिक कलेक्शन 89,885 करोड़ था. इस साल अप्रैल में कलेक्शन रिकॉर्ड 1.03 लाख करोड़ पहुंच गया था, लेकिन मई में घटकर 94,016 करोड़ और जून में 95,610 करोड़ रुपये पर आ गया. .

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