230 भ्रष्ट अफसरों को शिवराज सिंह का खुला घोषित संरक्षण | MP NEWS

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह ने मध्यप्रदेश के 230 भ्रष्ट अफसरों को खुला एवं घोषित संरक्षण दे रखा है। यह प्रमाणित है और दस्तावेजों में दर्ज है। लोकायुक्त इन अफसरों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी का इंतजार कर रहा है, लेकिन सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को गंभीरता से लेने का दावा करने वाले सीएम शिवराज सिंह इस मामले पर ध्यान तक नहीं दे रहे हैं। इनमें 32 अफसर क्लास वन हैं, द्वितीय श्रेणी के 80 अफसर, एवं राजस्व विभाग के 71 अफसर शामिल हैं। 

लोकायुक्त ने विभागवाद सूची जारी की
लोकायुक्त संगठन की ओर से हाल ही में यह पत्र सभी विभागों को भेजा गया है। ये सभी 230 अफसर व कर्मचारी 24 अलग-अलग विभागों से हैं। अब तक लोकायुक्त पुलिस की ओर से संभागवार सूची बनाकर भेजी जाती थी। ये संभवत: पहला मौका है, जब लोकायुक्त पुलिस ने विभागवार इसकी सूची बनाकर भेजी है। एडीजी लोकायुक्त संजय माने के मुताबिक इन अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के लिए पत्राचार किया गया है। अनुमति मिलते ही सभी के खिलाफ अदालत में चालान पेश कर दिया जाएगा।

सीधे चालान पेश करता है लोकायुक्त: सुप्रीम कोर्ट
6 सितंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्ट अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ एक आदेश दिया था। इसके तहत जांच एजेंसीज उन अफसरों के खिलाफ अपनी इनवेस्टीगेशन पूरी कर कोर्ट में चालान पेश कर सकेंगी, जिनका प्रमोशन या ट्रांसफर कर दिया गया हो। इसके बाद भी सरकार के पास लंबित इन प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति न मिलना सरकार की मंशा पर सवाल उठाता है। आदेश के अनुसार भ्रष्टाचार के मामले में फंसे अफसर या कर्मचारी का पद या ऑफिस बदल जाने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत उसकी अभियोजन स्वीकृति सरकार से लेने की जरूरत ही नहीं है।

IAS रमेश थेटे के खिलाफ 25 मामले
स्वीकृति न मिलने के कारण सभी 230 चालान अटके हैं। सबसे ज्यादा 71 मामले राजस्व विभाग के हैं। इनमें आईएएस रमेश थेटे के खिलाफ ही 25 मामले लंबित हैं। 32 मामले पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के हैं, जबकि 31 मामलों में सहकारिता विभाग के अफसर व कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की है।

हर विभाग में भ्रष्ट अफसरों की लिस्ट
इनमें 32 क्लास वन और 80 द्वितीय श्रेणी के अधिकारी शामिल है। वित्त विभाग, खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग, आवास विभाग, अजा विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, गृह विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और पशु चिकित्सा विभाग के एक-एक अफसरों के खिलाफ टीम ने कार्रवाई की है।

सभी विभागों को भेजे प्रकरण, अब वे ही करें कार्रवाई
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) की भूमिका समीक्षा करने की है। हमने सभी विभागों को तमाम प्रकरण भेज दिए हैं। अब संबंधित विभाग ही अपने स्तर से आगे की कार्रवाई करें। कैबिनेट से भी अभियोजन के मामलों में समय सीमा तय की जा चुकी है। 
लाल सिंह आर्य, राज्यमंत्री, सामान्य प्रशासन विभाग
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