जमीन के 1Km नीचे गुफा में फंसी है फुटबॉल टीम, निकालने में 4 माह लगेंगे | WORLD NEWS

नई दिल्ली। थाईलैंड की थैम लुआंग गुफा में फंसी फुटबॉल टीम मिल गई है। वो जमीन के 1 1Km नीचे हैं। टीम में 12 खिलाड़ी और उनके कोच हैं। ब्रिटिश गोताखारों ने उन्हे तलाश लिया है लेकिन उन्हे बाहर नहीं निकाला जा सकता। गुफा में भारी मात्रा में पानी भरा है। सेना का कहना है कि 4 माह तक ऐसे ही हालात रहेंगे। बारिश खत्म हो जाने के बाद ही उन्हे ​बाहर निकाला जा सकता है। फिलहाल गुफा में खाने का सामान, दवाईयां और टेलीफोन भेजा जा रहा है ताकि वो बाहर की दुनिया के संपर्क में रह सकें। 

प्रतिघंटा 10 हजार लीटर पानी निकाला फिर भी कम नहीं हुआ


अभी गोताखोरों ने इन बच्चों तक खाना और दवा पहुंचा दी हैं। अब इनके लिए चार महीने का खाना जुटाने पर भी विचार किया जा रहा है। दरअसल, ये सभी जमीन से करीब एक किलोमीटर नीचे एक ऐसी जगह पर हैं जहां अंदर जाने का पर्याप्त रास्ता नहीं है। गुफा में इतना ज्यादा पानी भरा है कि पंप से हर घंटे 10 हजार लीटर पानी निकालने के बाद भी एक घंटे में वॉटर लेवल एक सेंटीमीटर तक ही कम हो पा रहा है। वहीं, बुधवार से दोबारा भारी बारिश का अनुमान है। बचाव के काम में ब्रिटेन, चीन, म्यांमार, लाओस, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के विशेषज्ञों की टीम को लगाया गया है।

बच्चों को नहीं पता कितने दिन से फंसे हैं


गोताखोरों की टॉर्च की लाइट पड़ते ही इन बच्चों ने कहा, "हम भूखे हैं, क्या हम बाहर जा सकते हैं?" गोताखोरों ने कहा, "आज नहीं।" गोताखोरों ने जब बच्चों से पूछा कि वे कितने लोग हैं तो जवाब मिला तेरह। एक बच्चे ने पूछा कि आज कौन सा दिन है। तब गोताखोर ने कहा- सोमवार, आप यहां 10 दिन से हैं, आप बहुत मजबूत हैं।

गुफा देखने गए तभी बाढ़ आ गई


ये सभी 12 खिलाड़ी अंडर-16 फुटबॉल टीम के सदस्य हैं। इनकी उम्र 11 से 16 साल के बीच है। कोच की उम्र 25 साल है। इस तरह 13 लोग गुफा में फंसे हैं। सभी अभ्यास मैच के बाद गुफा देखने गए थे। ये एक समुद्र तट पर मौजूद रास्ते से गुफा के अंदर गए। रास्ता बहुत संकरा था। तभी बारिश और बाढ़ आ गई। इससे ये 10 किलोमीटर लंबी गुफा में रुक गए लेकिन पानी बढ़ने से गुफा से बाहर निकलने का संकरा रास्ता बंद हो गया। बारिश के हर मौसम में ये गुफा खतरनाक हो जाती है, इसलिए यहां जुलाई से नवंबर के बीच एंट्री बंद कर दी जाती है।

गुफा में जिंदा रहना मुश्किल


इनकी तलाश और बचाव के काम में 1200 लोगों की टीम लगी है। डॉक्टरों का कहना है कि गुफा में पीने लायक पानी होने की वजह से ये अब तक जिंदा हैं। गुफा में ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए 200 सिलेंडर मंगाए गए हैं। यह गुफा म्यांमार और लाओस बॉर्डर के पास नेशनल पार्क के भीतर स्थित है। बेल्जियम के गोताखोर बेन रेमेनेंट्स ने बताया कि इस गुफा में छोटी-छोटी सुरंगें हैं। ये कई किलोमीटर तक फैली हैं। तापमान 21 डिग्री है और सतह इतनी दलदली है कि उस पर खड़े रहना भी मुश्किल है।

ये हैं बाहर निकलने के विकल्प

थाईलैंड के अखबार द नेशन के मुताबिक रेस्क्यू टीम तीन तरीकों पर गौर कर रही है। पहला- गुफा से बाहर निकल रही सुरंगों का सबसे सुरक्षित रास्ता ढूंढकर फुटबॉलरों को गोताखोरी सिखाई जाए और बाहर निकाला जाए। दूसरा- रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत जो चिमनियां गुफा के अंदर ड्रिल की जा रही हैं, अगर वे एक सूखे स्थान तक पहुंचती हैं तो उनके जरिए बच्चों को बाहर निकाला जाए। तीसरा- बाढ़ खत्म होने का इंतजार किया जाए। ये सबसे सुरक्षित तरीका है, लेकिन इसमें महीनों लग सकते हैं।
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