BHOPAL: अगर आप भी व्हाट्सऐप, स्काइप, गूगल डुओ और इमो जैसे वीडियो कॉलिंग सुविधाएं देने वाली कंपनियों को सरकार ने बड़ा झटका दिया है। इनकी वीडियो कॉलिंग को अवैध गतिविधि मानते हुए बैन कर दिया गया है। संशोधित नियमों के अनुसार इन कंपनियों को वीडियो कॉलिंग फीचर देने का अधिकार छीन लिया गया है। अब केवल टेलीकॉम कंपनियों ही वीडियो कॉलिंग की सुविधा दे सकेंगी। इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों को अपना वीडियो कॉलिंग ऐप लॉन्च करना होगा। सरकार ने कहा है कि दूरसंचार के लिए लाइसेंसी कंपनियों को ही वीडियो कॉलिंग सुविधा देने की इजाजत होगी। यानी देशभर की टेलीकॉम कंपनियां ही यह सुविधा दे सकती हैं।
नए नियम के मुताबिक वीडियो कॉलिंग की इजाजत सिर्फ ऐप से ऐप की सुविधा देने वाली कंपनियों जैसे, व्हाट्सऐप, फेसबुक, स्काइप, इमो आदि को नहीं होगी। यानी वीडियो कॉलिंग की सुविधा अब ऐप से ऐप ना होकर वाई-फाई से होगी। बता दें कि वाई-फाई कॉलिंग के जरिए आप आसानी से वीडियो कॉलिंग कर सकते हैं लेकिन यह सुविधा अभी भारत में शुरू नहीं हुई है।
सरकार ने नए नियम के अनुसार एयरटेल, जियो, वोडाफोन और आइडिया जैसी अधिकृत लाइसेंसधारी कंपनियां ही यह सुविधा देंगे ना कि सोशल मीडिया कंपनियां। अगर ऐसा हुआ तो जिस तरह सामान्य कॉलिंग की तरह वीडियो कॉलिंग के लिए भी टर्मिनेशन चार्ज देना होगा। बता दें कि जिस कंपनी के नेटवर्क पर कॉल आता है उसे दूसरी कंपनी की ओर से टर्मिनेशन चार्ज मिलता है। फिलहाल ट्राई ने देश में कॉल के लिए 6 पैसे और अंतरराष्ट्रीय कॉल के लिए 30 पैसे प्रति मिनट का चार्ज तय कर रखा है, वहीं 2020 तक इसे खत्म करने का भी प्रस्ताव है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट टेलीफोनी यानी मोबाइल में सिम की गैरमौजूदगी में पब्लिक वाई-फाई के जरिए कॉल करने की व्यवस्था को हरी झंडी प्रदान कर दी है। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए सरकार ने दूरसंचार कंपनियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। ग्राहकों को कंपनियां ऐप के जरिए टेलीफोनी सेवाएं मुहैया करा सकेंगी। दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा सुझाई गई तकनीक इंटरनेट टेलीफोनी में सिम ही नहीं, सिग्नल के बिना भी किसी मोबाइल पर वाई-फाई का प्रयोग कर कॉल किया जा सकेगा।