
सरकार उठाएगी पूरा खर्च
बसें प्राइवेट ट्रेवल्स की रहेंगी। इसका पूरा खर्च स्कूल शिक्षा विभाग उठाएगा। छात्रों को स्कूल तक छोड़ने के बाद बसें फ्री हो जाएंगी और वापस उन्हें छुट्टी के समय स्कूलों में पहुंचना होगा। विभाग के अधिकारियों का मानना है कि ऐसा करने से स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ेगी इसके साथ ही छात्राएं भी आगे की पढ़ाई जारी रखेंगी। वर्तमान में स्कूल आने-जाने का साधन नहीं होने की वजह से कई बार वे पढ़ाई छोड़ देती हैं।
स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ेगी
पायलट प्रोजक्ट के रूप में 20 ब्लाॅक में स्कूलों में बच्चों को छोड़ने के लिए बस सेवा शुरू की जा रही है। ब्लाॅक अभी तय हो रहे हैं। अगर इसके अच्छे परिणाम आएंगे तो प्रदेश भर में यह व्यवस्था लागू करेंगे। इससे स्कूलों में छात्रों की संख्या में इजाफा होगा। दीप्ति गौड़ मुकर्जी, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा
ड्रॅाप रेट ज्यादा वाले जिलों से शुरुआत
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ऐसे क्षेत्र जहां स्कूल की दूरी की वजह से विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ रहे हैं वहां यह प्रयोग किया जा रहा है। इसके तहत गांव या किसी क्षेत्र में तय स्टाप से बस विद्यार्थियों को लेकर स्कूल छोड़ेगी और छुट्टी होने पर वापस उस स्थान तक लाएगी। शुरुआत में करीब 50 हजार विद्यार्थी इस व्यवस्था का लाभ उठा पाएंगे।
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