भोपाल। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का बैकआॅफिस पूरी तरह से एक्टिव हो गया है। प्रोफेशनल्स डाटा कलेक्शन में लगे हुए हैं। प्रदेश भर के बेरोजगारों का डाटा जुटाया जा रहा है। NSUI को भी टास्क दिया गया है। कांग्रेस के लिए यह सबसे कीमती डाटा होगा। कमलनाथ बेरोजगारों के दिलों में जल रही आग में घी डालने की योजना पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस सत्ता में आई तो सरकारी नौकरियां दे पाएगी या नहीं यह तो 2018 के बाद ही पता चलेगा परंतु इससे जो आग भड़केगी उन्हीं शोलों से कमलनाथ की कुर्सी तैयार होगी।
कमलनाथ ने युवा कांग्रेस और NSUI को भी डाटा कलेक्शन की जिम्मेदारी दी है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की इन इकाइयों द्वारा डाटा कलेक्शन के लिए 21 से 30 जून तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। कांग्रेस कार्यकर्ता बेरोजगार युवाओं का डाटा कलेक्शन करने के लिए कॉलेजों, छात्रावासों में जाकर जानकारी जुटाएंगे। इसके साथ ही पार्टी ने रोजगार मेला लगाने वाली जगहों पर भी जाने का प्लान बनाया है। हमारे सूत्रों का कहना है कि पीईबी और एमपी आॅनलाइन से भी डाटा जुटाने की कोशिशें की जा रहीं हैं। बता दें कि एमपीपीएससी, पीईबी और एमपी आॅनलाइन के पास मप्र के उन सभी बेरोजगारों का डाटा मौजूद है जिसकी जरूरत कमलनाथ को है।
इस डाटा का क्या करेंगे कमलनाथ
बताने की जरूरत नहीं कि कमलनाथ का टारगेट भोपाल में अपना बंगला बदलना है। सीएम हाउस में शिफ्ट होने के लिए 2 मैं से कोई एक चीज चाहिए। या तो उमा भारती या पीएम नरेंद्र मोदी की तरह अपने नाम की आंधी चला दी जाए या फिर लोगों के दिलों में शिवराज सिंह के प्रति इतनी नफरत भर दी जाए कि वो हर हाल मेें उनके खिलाफ वोटिंग करें। पहला विकल्प तो संभव नहीं है। मप्र में कमलनाथ के नाम की आंधी तो संभव ही नहीं है। अत: दूसरे विकल्प पर काम किया जा रहा है। व्यापमं घोटाला, पटवारी भर्ती परीक्षा में नार्मलाइजेशन, 5 साल से अटकी संविदा शिक्षक भर्ती, मप्र पुलिस भर्ती में हुईं गडबड़ियां और ऐस ही तमाम मुद्दों को एन चुनाव के वक्त याद दिलाया जाएगा। वाट्सएप एक आसान हथियार है जो कमलनाथ के नाम की आंधी चला पाए या ना चला पाए लेकिन शिवराज सिंह के विरोध की आग जरूर भड़का देगा।
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