सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर शिवराज सरकार का निर्णय

भोपाल। प्रदेश में इस साल तबादलों से प्रतिबंध फिलहाल नहीं हटेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों को यह संकेत दिए हैं। दरअसल, सरकार को आशंका है कि तबादलों पर से प्रतिबंध हटा दिया तो जिनके स्थानांतरण नहीं हो पाएंगे, उनमें नाराजगी बढ़ेगी। चंद महीनों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहती है जो उसके खिलाफ माहौल खड़ा करे। हालांकि, मंत्रियों को इतनी छूट जरूर दी गई है कि वे जिले के भीतर आपसी समन्वय से तबादले करवा लें। प्रशासनिक आधार पर जिले के भीतर कलेक्टर व्यवस्था बना सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक सांसद, मंत्री, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर संगठन पदाधिकारी और कर्मचारी संगठन लगातार सरकार से तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे थे। पार्टी संगठन भी चाहता था कि कार्यकर्ताओं के छोटे-मोटे काम हो जाएं, ताकि वे मन लगाकर चुनाव के काम में जुट जाएं। उधर, राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने पत्र लिखकर तबादला नीति जल्द लाने की मांग उठाई थी। इसके मद्देनजर सामान्य प्रशासन विभाग ने पिछले महीने तबादला नीति का मसौदा तैयार किया, जो अपर मुख्य सचिव प्रभांशु कमल से होता हुआ सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लालसिंह आर्य तक पहुंचा।

इसमें पिछले साल की नीति के बिंदु ही रखे गए थे। बताया जा रहा है कि सरकार की मंशा को देखते हुए प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। वहीं, पिछली दो कैबिनेट से मंत्री तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने का मुद्दा उठा रहे हैं पर मुख्यमंत्री इसके लिए तैयार नहीं हैं। इसके पीछे मूल कारण तबादला नहीं होने से पैदा होने वाली नाराजगी है।

30 जून तक मैदानी स्तर पर होगा बदलाव

मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि चुनाव आयोग के निर्देश पर सरकार 30 जून तक मैदानी स्तर पर बदलाव करेगी। इसमें चुनाव के काम में लगने वाले ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों को हटाया जाएगा, जिन्हें तीन साल एक ही जगह रहते हो गए हैं। इसके अलावा गृह जिले में पदस्थ अधिकारियों को भी बदला जाएगा।

इसका प्रतिवेदन मुख्य सचिव को सात जुलाई तक चुनाव आयोग भेजना होगा। इसके मद्देनजर सामान्य प्रशासन, गृह और राजस्व विभाग ने सूची तैयार कर ली है। कुछ तबादले हो चुके हैं तो कुछ के आने वाले दिनों में हो जाएंगे।

पांच-छह कलेक्टरों की होगी बदली

सूत्रों का कहना है कि सरकार एक बार फिर कलेक्टरों के तबादले करने जा रही है। पांच-छह जिलों के कलेक्टरों की बदली करने का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन के बाद सूची जारी हो सकती है।
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