आयुष चिकित्सको ने मुख्यमंत्री का स्वागत कर गिनाईं समस्याएं

बालाघाट। विगत 3 जून को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बालाघाट आगमन पर मध्यप्रदेश आयुष मेडिकल एसोसिएशन के चिकित्सकों द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मंच पर फूलमाला से स्वागत कर आयुष चिकित्सकों को होने वाली समस्याओं और उनके समाधान का एक पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा। जिसमे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा उनका जल्द निराकरण करने का आश्वासन भी दिया। 

आयुष मेडिकल एसोसिएशन के चिकित्सकों द्वारा मुख्य रूप से आयुष चिकित्सको को आपातकालीन समय मे आधुनिक चिकित्सा पद्धति की अनुमति के लिए प्रदेश आकार से जल्द मध्यप्रदेश में अनुमति हेतु निवेदन किया। आयुष मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दिया गए पत्र में मुख्य रूप से मध्यप्रदेश में देश महाराष्ट्र सहित 10 से अधिक राज्यो की तर्ज पर आयुष चिकित्सकों के लिए आकस्मिक समय के लिए आपातकालीन चिकित्सा एलोपैथिक किया जाय एवं प्रदेश के सभी निजी आयुष (आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्वा)  पद्धति के चिकित्सकों को आपातकालीन चिकित्सा हेतु एलोपैथिक (अंग्रेजी) दवाईया लिखने की अनुमति दी जाएं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रो के नागरिकों हो प्राथमिक उपचार अच्छे से मिल सके। 

ज्ञात हो की वर्तमान समय में प्रदेश में लगभग 15000 आयुष चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवा दे रहे है और आज प्रदेश के लगभग 40000 आयुष चिकित्सक बेरोजगार है। केंद्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का प्रत्येक आधुनिक विज्ञान की तरह प्रत्येक विषय मे पूर्ण निदान एवं चिकित्सा की जाती है। आज वर्तमान समय में प्रदेश के अधिकांश सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक विहीन है एवं कोई भी जिसके कारण उस क्षेत्र की ग्रामीण जनता को उपचार हेतु भटकना पड़ता है और इधर उधर जाना पड़ता है। 

अगर सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के सामुदायिक एवम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जो चिकित्सक विहीन है एवं उन ग्रामीण क्षेत्रो में आयुर्वेदिक चिकित्सको की नियुक्ति कर दी जाती है तो सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक युक्त हो जाएंगे और सभी ग्रामीण जानो के हमेशा आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा भी उपलब्ध हो जाएगी। क्योकि आज लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा आयुष चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्रो में अपनी सेवाए दे रहे है और ग्रामीण जनों का उपचार कर रहे है । सभी आयुर्वेदिक डिग्रीधारी  चिकित्सको द्वारा अपने प्रशिक्षण काल मे जिला चिकित्सालयो में 6 माह का एलोपैथिक प्रशिक्षण दिया जाता है। 

आयुष मेडिकल एसोसिएशन द्वारा 29 मई 2018 को कैबिनेट मंत्रिमंडल बैठक में प्रदेश में कार्यरत संविदा कर्मचारियों , अधिकारियों को नियमित परीक्षा एवं सीधी भर्ती परीक्षा में जो 20 प्रतिशत अंको के बोनस अंक  देने का निर्णय लिया गया है उसे वापस लिया जाय । जिससे प्रदेश के लाखो  बेरोजगार युवकों को शासकीय सेवा करने का मौका मिल सके  के भविष्य से खिलवाड़ होने से बचाया जा सके इसके लिए भी निवेदन किया। 

आयुष मेडिकल एसोसिएशन द्वारा आयुष विभाग द्वारा आयोजित होने वाली चिकित्सा अधिकारियों की सीधी भर्ती परीक्षा में अन्य प्रदेश की भांति प्रदेश का मूलनिवासी प्रमाण पत्र एवं चिकित्सक का मध्य प्रदेश के चिकित्सा बोर्ड में स्थायी पंजीयन अनिवार्य किया जाय जिससे आगामी परीक्षा में प्रदेश के बेरोजगार आयुष चिकित्सको को रोजगार मिल सके इस बात का पत्र भी मुख्यमंत्री को दिया गया है।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश आयुष मेडिकल एसोसिएशन प्रदेश महासचिव डॉ नीरज अरोरा,जिला अध्यक्ष डॉ श्याम रंगलानी, महासचिव डॉ अंकित असाटी, सचिव डॉ गिरेन्द्र पवार , डॉ जयश्री अरोरा, डॉ जेपी सुनेरी,डॉ राजेश उपवंशी, डॉ सालीन अमुले, डॉ माधुरी पंवार, डॉ दीपांक रामटेककर, डॉ समीर सुनेरी,डॉ मोहित गौतम,डॉ शिवानी निषाद सहित सैकड़ों आयुष चिकित्सक उपस्थित थे। 
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