
इसके बाद भी अगर किसी कॉलेज में सीट बचती है तो विवि की ओर से भेजी गई मेरिट के आधार पर दाखिला किया जाएगा। एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों पर दाखिले के लिए काउंसिलिंग शुल्क 2000 रुपये तय किया गया है। पहले चरण में सीट मिलने के बाद छात्र चाहेगा तो दूसरे चरण में सीट अपग्रेड कर सकेगा। एमबीबीएस के शुल्क को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है कि फिलहाल पुरानी फीस पर ही एडमिशन किए जाएंगे। दूसरी ओर, प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सीट पर एडमिशन लेने वाले छात्र के पास बांड भरकर केवल 50 हजार रुपये में एमबीबीएस की पढ़ाई करने का अवसर भी दिया जाएगा। बांड न भरने वाले छात्रों को पूरा शुल्क देना होगा।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा, दून मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधि डॉ. एमके पंत, राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्रतिनिधि डॉ. जेबी गोगोई, एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता, हिमालयन इंस्टीट्यूट के प्रतिनिधि डॉ. विनीत मल्होत्रा, एचएनबी मेडिकल विवि के कुलसचिव प्रो. विजय जुयाल मौजूद रहे।
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