नई दिल्ली। यह भारत की प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचाने जैसा है। ब्रिटेन की सरकार ने एजुकेशन वीजा मामले में भारत को उस लिस्ट से बाहर कर दिया दिया है जिसके तहत छात्रों की वीजा प्रक्रिया आसान हो जाती है और उन्हे वित्त व अन्य मानकों में ढिलाई दी जाती है। ब्रिटेन ने ऐसे 25 देशों की सूची जारी की है। इस साल उसमें भारत का नाम नहीं है बल्कि चीन, बहरीन और सर्बिया जैसे देशों शामिल किया गया है। इन देशों के छात्रों को दाखिला लेने के लिए शिक्षा, वित्त और अंग्रेजी के मानकों में ढिलाई दी गई है। ये बदलाव 6 जुलाई से लागू होंगे। बता दें कि करीब 2 माह पहले जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन में थे तब उनके सामने उनका विरोध प्रदर्शन किया गया एवं भारत का राष्ट्रध्वज तिरंगा तक फाड़ दिया गया था। अब ब्रिटेन सरकार ने यह कड़ा फैसला लिया है।
ब्रिटेन सरकार द्वारा इमीग्रेशन पॉलिसी में किए गए बदलावों को रविवार को संसद मे पेश किया जाएगा। सूची में अमेरिका, कनाडा और न्यूजीलैंड जैसे देश पहले से ही शामिल थे। सूची में भारत को शामिल नहीं किए जाने कि वजह से भारतीय छात्रों को अब दस्तावेजों की कड़ी जांच से गुजरना होगा। साथ ही उनके लिए अंग्रेजी और शिक्षा के मानक भी सख्त होंगे।
यूके काउंसिल फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट अफेयर्स के अध्यक्ष और भारतीय मूल के व्यवसायी लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने ब्रिटिश सरकार के इस फैसले को भारत का अपमान बताया है। ब्रिटिश सरकार का ये फैसला ऐसे वक्त आया, जब वो भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफडीए) पर बात कर रहा है। अगर ब्रिटेन का ऐसा ही बर्ताव रहा तो एफटीए के बारे में वो सिर्फ सपने ही देख सकता है।
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