हनीट्रैप: गैंगरेप की FIR कराकर 11 करोड़ की मांग, डील के वक्त गिरफ्तार

नई दिल्ली। खुद को इवेंट मैनेजर बताने वाली एक युवती को पुलिस ने हनीट्रैप मामले में गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि युवती ने भिवाड़ी अलवर के 5 लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार की एफआईआर दर्ज कराई और केस वापस लेने के बदले 11 करोड़ की मांग की। अब तक युवती 1.1 करोड़ रुपए वसूल चुकी है। दिल्ली पुलिस ने युवती को नेताजी सुभाष प्लेस से 25 लाख रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि भिवाड़ी पुलिस की जांच में एफआईआर को सही पाया गया और सजादेही के लिए चालान कोर्ट में पेश कर दिया गया। 

5 मई को भिवाड़ी के एक होटल में इवेंट मैनेजमेंट के लिए लाई युवती से दुष्कर्म की सूचना पर पुलिस ने 6 मई को 5 आरोपियों को अरेस्ट किया था। पांचों आरोपी सम्पन्न परिवारों के हैं। पीड़िता और उसके साथियों ने भिवाड़ी के घटनाक्रम के बाद आरोपियों परिजनों से संपर्क किया और पैसे लेकर केस वापस ले लेने की बात कही। हाईप्रोफाइल हनीट्रैप रैकेट में फंसाए गए आरोपियों से पीड़िता ने पहले 11 करोड़ रुपए मांगे। डील 2.5 करोड़ रुपए में तय हुई। पीडिता अपने बिचौलिये मोहित और विकास के जरिये आरोपियों के परिवार पर लगातार दबाव बना रही थी। वे पीड़िता को 1.10 करोड़ रुपए दे भी चुके थे। पूरा लेन-देन सीसीटीवी में रिकार्ड हो गया।

पहली पेशगी लेने के बाद पीड़िता और उसके दलाल डिमांड बढ़ाने लगे तो दुष्कर्म आरोपियों के परिजनों ने नेताजी सुभाष प्लेस पुलिस को शिकायत दे दी। जिसके बाद पुलिस ने रविवार को दुष्कर्म पीडिता इवेंट मैनेजर और उसके दो सहयोगियों को 25 लाख की रकम सहित रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। परिजनों ने सीसीटीवी फुटेज के अलावा महिला और उसके साथियों के साथ हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी पुलिस को सौंपी हैं।

धनकुबेरों की फंसाती है हनीट्रैप में, कई मामले खुल सकते हैं
पुलिस मान रही है कि पीड़िता द्वारा हनीट्रैप में धनकुबेरों को फंसाने के और भी मामले खुल सकते हैं। उसके रैकेट में 251 रुपए में मोबाइल लांच कर रातोंरात चर्चा में आने वाले मोहित गोयल तथा दिल्ली का रसूखदार विकास मित्तल शामिल है। पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियों से उसके सीधे संबंध बताए जाते हैं। मोहित गोयल दुनिया का सबसे सस्ता फोन देने वाली कंपनी रिंगिंग बेल के संस्थापक है।

भिवाड़ी पुलिस की जांच में गैंगरेप प्रमाणित हुआ है
इधर, भिवाड़ी पुलिस सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार पांचों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर चुकी है। भिवाड़ी पुलिस का कहना है कि चूंकि वह चालान पहले ही पेश कर चुकी है, इसलिए दिल्ली में पीड़िता की गिरफ्तारी और रकम के लेन-देन का इस केस से कोई ताल्लुक नहीं है। लेकिन सवाल यह है कि यदि यह हनीट्रैप का मामला है और गैंगरेप हुआ ही नहीं तो भिवाड़ी पुलिस ने अपनी जांच में इसे प्रमाणित कैसे मान लिया। 
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