
इसे एंटर करते ही आपकी प्रोसेस पूरी हो जाएगी। जैसे ही आप इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे, वैसे ही आपको ओवरड्राफ्ट लिमिट म्युचुअल फंड में निवेश के हिसाब से मिलेगी। इस लिमिट के अंदर पैसा जब चाहें, तब ले सकते हैं। ग्राहक अगर चाहे तो अपने सभी म्युचुअल फंड पॉलिसी के बदले लोन ले सकता है या फिर उसकी मर्जी हुई, तो वह चुनिंदा स्कीम के आधार पर भी लोन की सुविधा ले सकता है। पारंपरिक तरीके से म्युचुअल फंड के बदले लोन लेने में 5 से 6 दिनों का वक्त लगता है, लेकिन इसके तहत आपको कुछ ही मिनटों में ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिल जाती है।
इसमें एक और अच्छी चीज यह है कि म्युचुअल फंड के बदले कस्टमर चाहे तो ओवरड्राफ्ट ले सकता है। इन पैसों पर तभी ब्याज देना होगा जब अकाउंट में ओवरड्राफ्ट की सुविधा लेने के बाद पैसे का इस्तेमाल किया जाएगा। CAMS 10 म्युचुअल फंड कंपनियों का रजिस्ट्रार है। यह 10 कंपनियां म्युचुअल फंड की कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) का करीब 60 फीसदी हिस्सा मैनेज करती हैं। इससे पहले एचडीएफसी बैंक इसी तरह की सुविधा शेयर्स को लेकर भी दे चुका है।