संविदा कर्मचारी संविलियन पॉलिसी तैयार, सबको परीक्षा देनी होगी

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह ने मध्यप्रदेश के सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का ऐलान तो कर दिया परंतु एक बार फिर उनकी घोषणा धरी की धरी रह गई। मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने जो मसौदा तैयार किया है उसके अनुसार सभी संविदा कर्मचारियों को प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की ओर से आयोजित एक परीक्षा देनी होगी। राहत केवल इतनी है कि अनुभव के आधार पर बोनस अंक मिलेंगे। इतने ही नहीं जीएडी ने संविदा नियुक्ति नियम 2017 में थोड़ा बहुत फेरबदल करके कई पेंच भी लगा दिए हैं।

डेढ़ महीने पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि संविदा नीति अन्याय पूर्ण है। फिर उन्होंने कई सभाओं में इसे दोहराया। इसके बाद जीएडी ने संविलियन की कवायद शुरू कर दी थी। इसके लिए विभागों से जानकारी मांगी गई थी। मुख्य सचिव ने पिछले महीने विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिवों की बैठक ली थी। इससे पहले राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के चेयरमैन रमेशचंद्र शर्मा ने मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ, संयुक्त मंच समेत अन्य संघों के ज्ञापन के बाद शासन को प्रस्ताव भेजा था।

जीएडी के संविदा कर्मचारी संविलियन मसौदे में ऐसे-एेसे प्रावधान

संविदा कर्मचारी को जिला स्तरीय चयन समिति की सिफारिश के बाद ही हटाया जा सकता है। ऐसे कर्मचारी संभाग स्तरीय समिति के सामने अपील भी कर सकेंगे।
इन कर्मचारियों को वेतन मूल विभाग द्वारा ही दिया जाएगा। अभी दस फीसदी इन्क्रीमेंट होगा और हर साल पांच-पांच प्रतिशत वेतन बढ़ेगा।
संविलियन या नियमितीकरण के लिए पहले से तय पदों पर पीईबी द्वारा ली जाने वाली परीक्षा एवं अंकों में वेटेज दिया जाएगा। हर साल 2 अंक बतौर बोनस दिए जाएंगे, अधिकतम 5 साल तक 10 अंक ही दिए जाएंगे।
जिनके पांच साल पूरे हो जाएंगे वे करार और कार्य आधारित मूल्यांकन से मुक्त रहेंगे। इसमें भी एक पेंच यह है कि सालाना वेतन वृद्धि नियंत्रणकर्ता अधिकारी द्वारा दी गई ग्रेड के आधार पर ही की जाएगी।
सीआर का रिकार्ड रखा जाएगा। ईएल नहीं मिलेगी। मेडिकल लीव 15 दिन की मिलेगी, लेकिन यह संभाग स्तरीय समिति के अनुमोदन के बाद ही दी जाएगी।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !