भाजपा नेताओं के घर चूड़ियां फैंकेंगे निष्कासित संविदा कर्मचारी

भोपाल। एक बार फिर समूचे प्रदेश भर में समस्त निष्कासित संविदाकर्मी एकजुट होकर आक्रामक हड़ताल व जन व्यापित व जनाकर्षित विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं, जिसमें आक्रोशित समस्त विभागों  से विभिन्न कैडर्स से निष्कासित संविदाकर्मी सम्मिलित होगें, जिसमें निष्कासित संविदा कर्मचारी अधिकारी संघ के नेता अबकी बार विरोध करते हूये शिवराज सरकार के छलावे से तंग आकर कुछ अलग ढ़ंग से प्रहार करने की प्लानिंग बना चूके हैं। 5 दिन खाना नहीं खायेंगे पर पैसे लगाकर नेट पैक डलाया जायेगा जिसका उपयोग मात्र शिवराज का विरोध करना होगा, जिसके लिये फेसबुक, वाट्सअप, ट्युटर अकाउन्ट व ग्रुप के माध्यम से तमाम सोशल मीडिया का प्रयोग कर शिवराज सरकार के शासनकाल में विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं, मिशन, में कार्यरत कर्मचारी जिन्हें बजट की कमी बताकर गत वर्षों में पद समाप्ति के कारण सेवा समाप्त कर दी गई शामिल होगे, इस विरोध प्रदर्शन में खाश बात यह होगी कि इस विरोध प्रदर्शन में निष्कासित कर्मचारियों के साथ उनके परिजन, मित्र आदि सहयोगी रूप से विरोध करेगें। महिलाएँ चूड़ियाँ, तवा, बेलन, दूध के बर्तन, आदि घरेलू वस्तुएँ विरोध प्रदर्शन में लेकर जायेगीं जिसे शाम के समय कलेक्ट्रेट या BJP कार्यालय परिसर के ठीक बाहर सड़को पर ही फेंक दिया जायेगा।

अबकी बार शासन या BJP के किसी नेता को नहीं दिया जायेगा कोई पत्राचार या ज्ञापन
निष्कासित संविदा कर्मचारी अधिकारी नेता संदीप चतुर्वेदी का कहना है, कि हम विगत कई वर्षों से निष्कासित संविदाकर्मी हैं जिन्हें शिवराज मामा के निर्देशों पर ही शासन ने बजट की कमी बताकर निष्कासित कर दिया जब से अभी तक हमनें बहूत मिन्नत व ज्ञापन पत्र दिये किन्तु इसके विपरीत शिवराज मामा छल पर छल वादों पर वादें करते गये, पर अब मामा जी का समय खत्म जनता का समय प्रारम्भ हूआ है, चूनाव में अहमी मामा की संविदा सेवा समाप्त हम, हमारे परिवार व मित्र जन मिलकर करेंगे।

पंडाल, टेन्ट के बिना खुली धूप करेंगे हड़ताल
निष्कासित कर्मियों का कहना हैं, कि हमारे पास शासन और मामा से हराने के लिये खुद के हौसले के अलावा अब कुछ भी शेष नहीं, घरों में बच्चों के खाने के लाले पड़े हैं मकान व बस के किराये के लिये पैसे नहीं हड़ताल में टेन्ट करने की व्यवस्था करने लिये पैसे कहाँ से लायें इसलिये हर निष्कासित संविदा कर्मचारियों ने फैसला किया चाहे 48'c में प्राण ही क्युँ न चले जाये पर अहमी शिवराज सरकार की सच्चाई अब आम जन तक पहूँचाकर रहेंगे।

विरोधी व विपक्ष को स्वतः दिया जायेगा लिखित समर्थन, बदले में प्राप्त किया जायेगा सहयोग व सरकार बनने पर बहाली कराने का सम्बन्धित लिखित पत्र। सभी विपक्ष पार्टियों के पास निष्कासित कर्मी ही स्वतः जाकर चूनाव में वोट देने का सर्मथन पत्र देंगे बदलें में विपक्ष की सरकार आने पर निष्कासित कर्मियों की बहाली का लिखित पत्र व विरोध में भी सहयोग करने का सहमति पत्र भी लेंगे।

कमलनाथ भी कर दे रहे खुला सर्मथन
चूनावी वर्ष में हाल ही में शिवराज सिंह चौहान ने 29 मई को को केबिनेट की बैढ़क में केवल अध्यापक संवर्ग को सौगात स्वरूप निर्णय किया जिसमें चुनावी समीकरण की दाँव पेंच में BJP विपक्ष से कहीं न कहीं आगे निकलती नजर आ रही थी, किन्तु 29 मई की कैबिनेट में सभी विभागों के निष्कासित कर्मचारियों की ससम्मान वापसी का फैसला भी होना तय था, किन्तु शिवराज सरकार द्वारा इस विषय में पूवर्त घोषणा करने के दाद भी केबिनेट के पूर्व से कोई विभागी तैयारी ही नहीं कराई गई थी, जिस कारण कैबिनेट में इस विषय पर प्रस्ताव ही नहीं लाया जा सका फलस्वरूप नाराज निष्कासित कर्मियों का चोला कमलनाथ ने थाम लेने की कवायद शुरू कर दी जिस कारण निष्कासित कर्मचारियों का संवेदनशील मुद्दा जिसपर आम जन भी थिरक जाये कमलनाथ के खेमें में जाता दिखाई दे रहा है।

निष्कासितों की अलग लड़ाई में नियमितीकरण का मुद्दा भी होगा कमजोर
निष्कासित कर्मचारियों द्वारा अबकी बार अपनी लड़ाई अलग लड़ने से कर्मचारी बल व संवेदनहीन मुद्दे के कारण संविदा नियमितीकरण का मुद्दा भी कमजोर हो जायेगा, परन्तु इसका कारण भी नियमितीकरण की लड़ाई लड़ने वाले कर्मचारी नेताओं का स्वार्थ ही है, क्योंकि विगत सभी हड़तालों में विभागीय प्रक्रियायें सकारात्मक होता देख कर्मचारी संघर्ष मंच के नेता केवल अपने नियमितीकरण का व्यक्तिगत स्वार्थ देख निष्कासितों की बहाली कराने के मुद्दे को दबाने में जुट जाते थे, मजबूरन निष्कासित कर्मी संगठनों ने अबकी बार अपनी अलग लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है।
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