
नाराज उम्मीदवारों ने भोपाल समाचार डॉट कॉम को भेजे ईमेल में बताया है कि पूर्व मे भी उक्त परीक्षा दिसम्बर 2017 मे होनी थी जो कि नही हुई। महीनों से तैयारी कर रहे बेरोजगार छात्रों मे असन्तोष बढ़ता ही जा रहा है। अगर उक्त परीक्षा अब भी नही हो पाती है तो उसके बाद कई परीक्षाएं (अकटूबर 2018 तक) लगातार होनी हैं इसके बाद आचार संहिता लग जाएगी। उम्मीदवारों का कहना है कि समूह-4 की परीक्षाओं के लिए हजारों बेरोजगारों ने तैयारियां कर रखीं हैं। ऐसी स्थिति में यदि घोषित तारीखों में कोई बदलाव होता है तो यह काफी निराशाजनक होगा। चुनावी साल में इस तरह की लापरवाहियां सरकार के लिए नुक्सानदायक साबित हो सकतीं हैं।
सरकारी नहीं प्राइवेट नौकरियां दिला रही है शिवराज सरकार
इधर शिवराज सिंह सरकार का फोकस सरकारी नहीं बल्कि प्राइवेट नौकरियों पर हो गया है। सभी कलेक्टरों को टारगेट दे दिए गए हैं। हर जिले में रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है। नौकरशाह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने अपने जिलों में बंपर भर्तियां करा रहे हैं। ये नौकरियां चुनाव के बाद भी चलेंगी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है परंतु चुनाव आते आते शिवराज सरकार के पास एक बड़ा आंकड़ा होगा। वो सिर उठाकर कह सकते हैं कि उन्होंने कितनी नौकरियां दिलवाईं।
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