
जिला संयोजक बलभद्र सिह ने बताया कि हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री जिस जिले मे जा रहे हैं, वहां मामा जी का स्वागत किया जा रहा है और उनके द्वारा आश्वस्त किया जाता है कि आपका मामा आपके साथ कुछ भी गलत नही होने देगा हमें आपकी भविष्य की चिंता है लेकिन वहां से जाते ही अपना वादा वो भूल जाते है।
जिला उपाध्यक्ष शशाक द्विवेदी ने कहा अतिथि शिक्षकों को 28 अप्रैल से मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगार कर दिया गया है। जिससे अब अतिथि शिक्षक दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं। कुछ अतिथि शिक्षक अपनी रोजी-रोटी चलाने के दूसरे प्रदेशों मे जाकर नौकरी कर रहे हैं। कुछ गांवो मे मजदूरी कर रहे तो कुछ तेंदू पत्ता तोड़ने के लिये मजबूर है।
बता दें कि अतिथि शिक्षक सरकारी स्कूलों की जिम्मेदारी आज लगभग दस साल से सम्भाले हुये है और इन्ही के दम पर सरकारी स्कूलों के रिजल्ट मे काफी सुधार हुआ है। कई स्कूल केवल अतिथि शिक्षको के भरोसे चल रही है। जिसके एवज मे उन्हे नाम मात्र का मानदेय 100/150/180 रूपये रोजाना दिया जाता है। जिससे उनका रोजी रोटी चलाना मुश्किल होती है। वही उन्हे अगस्त नियुक्त कर फरवरी मे निकाल दिया जाता। आज एक रेगुलर शिक्षक को जितना एक माह मे वेतन दिया जाता है उतना अतिथि शिक्षको को एक वर्ष मे नही मिलता। अतिथि शिक्षक अपनी मांगो को लेकर लगातार आन्दोलन करते आ रहे है लेकिन सरकार के रवैये मे कोई परिवर्तन नहीं आ रहा है।