कमलनाथ की कमजोरी देख इतराने लगी BSP

भोपाल। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, सीएम की सीट तक पहुंचने के लिए लालायित हैं। उनकी महत्वाकांक्षाएं इतनी ज्यादा बढ़ गईं हैं कि वो अपनी ही कांग्रेस पार्टी पर भरोसा नहीं कर रहे और सपा/बसपा से बिना बातचीत किए गठबंधन के बयान जारी कर रहे हैं। मप्र में बहुजन समाज पार्टी ने कमलनाथ की कमजोरी का पूरा फायदा उठाने का मन बना लिया है। BSP प्रदेश अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद अहिरवार ने बयान जारी कर कमलनाथ के गठबंधन प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। उन्होंने मप्र की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। सब जानते हैं कि बीएसपी को आज तक मप्र में 230 ढंग के प्रत्याशी तक नहीं मिले। टिकट वितरण के तमाम आरोप लगते हैं सो अलग, लेकिन फिर भी बसपा इतरा रही है। 

बीते रोज कमलनाथ ने बयान दिया था कि भाजपा के खिलाफ समान विचारधारा वाली पार्टियों से गठबंधन किया जा सकता है। यूपी में सपा एवं कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ चुकीं हैं। इसके अलावा भाजपा के खिलाफ सपा और बसपा भी एकजुटता का प्रदर्शन कर चुकीं हैं। पिछले दिनों सोनिया गांधी भी मायावती से बड़ी आत्मीयता से मिलीं। कमलनाथ की कोशिश है कि मप्र में सपा/बसपा के कारण कांग्रेस को जो नुक्सान होता है उसे रोक लिया जाए परंतु उनका उतावलापन उन्हे कमजोर साबित कर रहा है। 

जल्दबाजी में कहीं बड़ा नुक्सान ना कर बैठें कमलनाथ

कमलनाथ का सिर्फ एक ही टारगेट है, श्यामला हिल्स स्थित सीएम हाउस। कमलनाथ से कनेक्टेड नेता और उनके निजी कर्मचारी तो कमलनाथ को सीएम मान भी चुके हैं। कमलनाथ के भोपाल स्थित आवास में बिना अनुमति अचानक पहुंचने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए कोई कुर्सी नहीं है। इधर कमलनाथ को लगता है कि वक्त बहुत कम बचा है। कहीं कोई तैयार चूक ना जाए। कहीं कोई नुक्सान ना हो जाए। वो हड़बड़ी में फैसले ले रहे हैं, बयान जारी कर रहे हैं। कहीं ऐसा ना हो कि कमलनाथ की यही जल्दबाजी उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी बिफलता का कारण बन जाए। 

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