बेकाबू पेट्रोल पर मनमाने टैक्स के कारण महंगाई भी बढ़ गई

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड आॅइल एवं बेहिसाब टैक्स के कारण भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। इसी के चलते महंगाई में भी उछाल दर्ज किया गया। अप्रैल महीने में ईंधन और फलों के दाम बढ़ने से थोक मूल्य सूचकांक (डब्लूपीआई) आधारि‍त महंगाई दर 3.18 फीसदी रही। इधर मई के महीने में भी पेट्रोल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। उम्मीद है कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद ये और बढ़ेंगे। सरकारों ने यदि टैक्स नहीं घटाया तो महंगाई के कारण हायतौ​बा मचेगीी। बता दें कि सरकारों ने उस समय टैक्स बढ़ा दिए थे जब क्रूडआइल के दाम कम हुए थे। 

वाण‍िज्य मंत्रालय ने डब्लूपीआई के आंकड़े जारी किए हैं। अप्रैल में 3.18 फीसदी तक पहुंच चुकी थोक महंगाई दर मार्च में 2.47 फीसदी पर थी। थोक मूल्य सूचकांक आधारि‍त महंगाई अप्रैल में 0.67 पैसे साल-दर-साल के आधार पर बढ़ी है। डब्लूपीआई में हुई इस बढ़ोतरी के लिए ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और फलों के दाम बढ़ने को जिम्मेदार माना जा रहा है। सरकार की तरफ से जारी डाटा के मुताबिक अप्रैल में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फिति 0.87 फीसदी रही। सब्ज‍ियों के दाम में अप्रैल महीने में 0.89 फीसदी की कमी आई है। इससे पहले महीने यह दर 2.70 फीसदी थी।

आंकड़ों के मुताबिक ईंधन और बिजली के लिए मुद्रास्फीति अप्रैल महीने में 7.85 फीसदी रही। मार्च में यह 4.70% थी। इस दौरान फलों के लिए मुद्रास्फीति अप्रैल में दहाई अंक में पहुंच गई है। अप्रैल के दौरान फलों के लिए मुद्रास्फीति 19.47 फीसदी रही। मार्च में यह 9.26 फीसदी पर थी। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो रहा है। भारत में सरकारों ने बेहिसाब टैक्स थोप रखे हैं, इसकी वजह से घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।

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