
25 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण के दायरे में वे जातियां आएं जो अब तक एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण से अलग हैं। आखिरी में 25 फीसदी सीटें अनारक्षित और सबके लिए खुली होंगी। पत्रकार वार्ता में केंद्रीय मंत्री ने साफ कहा कि समाज में दलित बनाम गैरदलित विवाद की स्थिति आरक्षण के कारण उपजी है। दलितों पर अत्याचार के पीछे जो कारण हैं उनमें यह भी एक कारण है। जिन्हें आरक्षण नहीं मिल रहा ऐसी जातियों में भी कई वंचित लोग हैं। उनकी पीड़ा है कि उन्हें मौका नहीं मिल रहा।
केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि मैंने इन वर्ग के लोगों से भी कहा कि वे दलित आरक्षण का विरोध न करें। उन्हें क्या चाहिए इस पर बात करें। यदि ऐसे वंचित सवर्णों के लिए आरक्षण लागू होता है तो वर्ग संघर्ष और विवाद खत्म हो सकता है। अठावले ने आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू होने की संभावना से स्पष्ट इनकार करते हुए कहा कि देश में दलितों के लिए जाति आधार पर आरक्षण खत्म नहीं हो सकता। न ही दलितों को आरक्षण में क्रीमिलेयर की सीमा में बांधा जा सकता है।