DOCTOR धीरेन गुप्ता का कहना है कि जब भी किसी पार्टी या फंक्शन में जाते हैं, जहां उन्हें ऑइली या स्पाइसी FOOD खाना होता है, तो वह पहले से ही ANTACID खा लेते हैं। वहीं मार्केटिंग एग्जिक्युटिव सौम्या रात के हैंगओवर के बाद अक्सर ऐंटासिड ले लेती हैं। उनका कहना है, 'यह जादू की तरह काम करता है।' वहीं रजत सिन्हा का कहना है कि एक फिजिशियन ने उन्हें एक बार यह दवा दी थी तो वह अब इसे अक्सर ले लेते हैं। बस यही नहीं कई लोग ऐसा करते हैं। लेकिन MEDICAL EXPERTS का मानना है कि यह आदत काफी खतरनाक है।
ASID पेट में प्राकृतिक रूप से बनता है औऱ खाना पचाने में मदद करता है। इसको न्यूट्रलाइज करने या इसका प्रडक्शन रोकने के लिए कभी-कभी दवा लेना तो ठीक है लेकिन इसे आदत नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि एसिड बनने के प्रक्रिया को लंबे वक्त तक रोकने से डाइजेस्टिव सिस्टम प्रभावित होता है और इससे किडनी डैमेज और ऑस्टियोपोरोसिस तक हो सकता है। नई साइंस में गैस्ट्रिक कैंसर में प्रोटोन पंप इनहिबिटर्स (पीपीआई) के रोल को भी देखा जा रहा है।
ANTY ACIDITY DRUG मुख्य रूप से तीन टाइप की होती है-
पेट का एसिड न्यूट्रल करने वालीं, या ऐसी ऐंटी-एसिड्स जो कम समय में तुरंत राहत दिलाती हैं।
एच2 ब्लॉकर्स जो 12 घंटे तक हिस्टामीन को रोकर राहत दिलाती हैं।
पीपीपआई जो कि एसिड को बड़ी मात्रा में रोकने वाली होती हैं और उन्हें पेट तक नहीं पहुंचने देतीं।
इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर ऐंड बाइलियरी साइंसेज के डायरेक्टर डॉक्टर एस के सरीन के मुताबिक, 'खाना पचाने के लिए एसिड की जरूरत होती है और यह गैस्ट्रिक कैंसर के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया रोकने में मदद करता है। दुर्भाग्य से लोगों को इस बात का पता नहीं होता और वह बात-बात पर ऐंटी-एसिड दवा खा लेते हैं। लगातार पीपीआई लेने वाला पांच में एक व्यक्ति इसका आदी हो जाता है।' वहीं डॉक्टर राधिका का कहना है कि ऐंटी-एसिड दवाओं का गलत इस्तेमाल पेनकिलर्स से भी ज्यादा होता है
मैक्स हॉस्पिटल के एंडोक्राइनॉलजी विभाग के डायरेक्टर डॉ सुजीत झा के मुताबिक लंबे वक्त तक ऐंटी एसिड दवाओं के सेवन से किडनी खराब हो सकती है। एम्स में फार्माकॉलजी के प्रफेसर और हेड डॉक्टर वाई के गुप्ता के मुताबिक, दवा खाने के बजाय लोगों को एसिड बनने की वजह का पता लगाना चाहिए। ज्यादा एसिड तब बनता है जब हम ऑइली और स्पाइसी खाना खाते हैं। फास्ट फूड का इसमें सबसे बड़ा हाथ है। फिजिकल ऐक्टिविटी की कमी से भी खाना न पचने की समस्या हो जाती है इसलिए डॉक्टर अक्सर फिजिकल ऐक्टिविटी की सलाह देते हैं। डॉ सरीन के मुताबिक एसिड कंट्रोल में प्राणायाम काफी मददगार होता है। हरी-पत्तेदार सब्जियां और फल खाना भी काफी फायदेमंद रहता है।