
गौरतलब है कि मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के द्वारा 1 नवम्बर 2017 से संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण और हटाये गये संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने के लिए चरणबद्ध आंदोलन चलाया था। जिसके तहत् म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने 1 नवम्बर को काली पट्टी बांधकर कार्यालयों में काम किया। 5 नवम्बर 2017 को राजधानी भोपाल के अम्बेडकर मैदान में धरना दिया था। 10 नवम्बर से 20 नवम्बर तक दाण्डी यात्रा निकाली गई । 22 नवम्बर को मुख्यमत्री शिवराज सिंह चौहान ने मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर नियमित किए जाने का आश्वासन दिया था। जिसमें उनके द्वारा नव वर्ष पर संविदा कर्मचारियों को तोहफा देने की बात की गई थी।
उसके बाद नव वर्ष पर संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने सरकार का ध्यानाकर्षण करने के लिए मंत्रालय पर काले गुब्बारे छोड़े गये, 23 जनवरी को मंत्रालय तक रैली निकाली गई। 5 फरवरी को घंटीबजाकर सरकार को जगाया। 10 फरवरी को सभी विधायकों और मंत्रियों के निवास के सामने सुंदर कांड किया। 5 मार्च को मुख्यमंत्री के जन्म दिवस के अवसर पर संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुलाकर कहा कि 10 मार्च को फिर से संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर कहा था कि मैं जल्दी ही संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की घोषणा करूंगा।
मुख्यमंत्री के घोषणा के बाद म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के द्वारा 16 मार्च से होने वाली अनिश्चित कालीन हड़ताल स्थगित कर दी गई थी। हड़ताल के स्थान पर 16 मार्च को अम्बेडकर मैदान में संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ का एक दिवसीय सम्मेलन बुलाया था।