नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के हाल ही में दिल्ली में हुए अनशन को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। भाजपा को आरोपित करते हुए बताया गया है कि अन्ना के मंच के सामने पुलिस ने CCTV कैमरे लगाए थे। इनमें एक कैमरा बीजेपी का था। बीजेपी के आॅफिस में बैठे बैठे लाइव देखा जा रहा था कि अन्ना के मंच पर क्या चल रहा है और यह सबकुछ अन्ना हजारे की अनुमति के बिना हो रहा था। इससे जुड़े कुछ फोटो भी सामने आए हैं।
बताया जा रहा है कि अनशन से जुड़ी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की फुटेज पुलिस कंट्रोल रूम के माध्यम से भाजपा मुख्यालय भेजी जा रही थी। अन्ना के स्टेज के पास फोकस करके सीसीटीवी लगाए गए थे। इसके जरिये होने वाली रिकॉर्डिंग आउटपुट में बीजेपी ऑफिस का नाम दिखाई दे रहा था।
अन्ना सत्याग्रह के कोर कमेटी सदस्य नवीन का कहना है कि रामलीला मैदान में बने पुलिस कंट्रोल रूम की सीसीटीवी फुटेज देखने पर उन्हें फुटेज के निचले कॉर्नर पर बीजेपी ऑफिस पीटी लिखा दिखाई दिया। उन्होंने इस पर आपत्ति जताई तो पुलिस ने उन्हें कहा कि यह टेक्निकल प्रॉब्लम है। अन्ना का आंदोलन कवर करने मुंबई से दिल्ली आई पत्रकार सोनाली शिंदे ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में बीजेपी ऑफिस का नाम साफ दिखाई दे रहा था। जब पुलिस और सीसीटीवी मॉनिटरिंग कर रहे लोगों से पूछा गया तो उन्होंने इस बात को टाल दिया।
हालांकि, अब तक इस बारे में बीजेपी के ओर से कोई सफाई नहीं दी गई है। बता दें कि अन्ना हजारे 23 मार्च को अनशन पर बैठे थे। 7 दिनों तक अनशन करने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली के रामलीला मैदान पर पहुंचकर उनका अनशन खत्म कराया। अन्ना ने केंद्र को इन सभी मांगों को पूरा करने के लिए 6 महीने का समय दिया है। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है अन्ना दोबारा आंदोलन करेंगे।