NISHANT WARWADE IAS को कलेक्टर पद के अयोग्य घोषित करने की याचिका | INDORE NEWS

इंदौर। कलेक्टर निशांत वरवड़े को पद से हटाने के लिए एक याचिका दर्ज की गई है। वरिष्ठ एडवोकेट मनोहर दलाल की इस याचिका में बताया गया है कि कलेक्टर अपने अधिकारियों से काम नहीं करवा पा रहे हैं। याचिका में जमीन के एक खसरे का जिक्र करते हुए बताया गया है कि 2 साल पहले, कलेक्टर जिस जमीन का चिन्हांकन करने का निर्देश जिम्मेदार अधीनस्थों को दे चुके हैं, 2 साल बाद भी उसका चिन्हांकन नहीं हुआ है लिहाजा वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों से काम करवाने में असमर्थ हैं।

शहर में कलेक्टर निशांत बरबड़े को अपने अधीनस्थों से काम करवाने में असमर्थ बताते हुए उन्हें पद से हटाने की याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है। याचिकाकर्ता मुन्नी बाई के पक्ष में वरिष्ठ एडवोकेट द्वारा लगाई गई इस याचिका का आधार इंदौर विकास प्राधिकरण की एक आवासीय योजना की जमीन का चिन्हांकन अपने ही अधिकारियों से कलेक्टर द्वारा नहीं करवा पाना है। 

यह है पूरा मामला 
दरअसल नंदी बाई नाम की महिला की जमीन इंदौर विकास प्राधिकरण ने वर्ष 1988 में स्कीम नं. 53 विकसित करने के लिए ली थी, लेकिन 10 साल बाद इस जमीन में से कुछ जमीन बच गई, जिसे पुन: हासिल करने के लिए नंदी बाई ने प्राधिकरण में आवेदन किया था जिसमें प्राधिकरण ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जमीन का चिन्हांकन करने के निर्देश दिए। तीन साल के पत्र व्यवहार के बाद कलेक्टर के आदेश के आधार पर दो साल पहले नपती तो हुई, लेकिन चिन्हांकन नहीं किया गया। 

इस बीच पीड़ित महिला अपनी समस्या लेकर 14 बार कलेक्टर की जनसुनवाई में गई, 8 बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की इसके अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र भी लिखा लेकिन चिन्हांकन नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि उक्त जमीन के आस-पास अवैध निर्माण करके करोड़ो का भ्रष्टाचार किया गया है, जिसे छुपाने के लिए चिन्हांकन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में कलेक्टर निशांत बरबड़े द्वारा अपने आदेश का ही पालन नहीं करवा पाने के आधार पर पद के अनुरूप होने में असमर्थ बताते हुए रिट पिटीशन ऑफ कोवारंटों लगाकर पद रिक्त करने की अपील हाईकोर्ट से की गई है। 

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