भोपाल। मध्यप्रदेश में जब जब शराब बंदी की मांग उठती है तो सीएम शिवराज सिंह चौहान इसे धीरे धीरे अभियान चलाकर बंद करने की बात करते हैं जबकि वित्तमंत्री जयंत मलैया इसे सिरे से नकार देते हैं। उनका तर्क है कि शराब के कारण मध्यप्रदेश का सरकारी खजाना भरा रहता है। शराब बंद हो गई तो मप्र का खजाना खाली रह जाएगा। विकास कार्य नहीं कर पाएंगे। लेकिन एक सवाल के जवाब में पता चला है कि सरकार मप्र में पेट्रोल-डीजल पर सेस, लेकिन शराब को सेस मुक्त रखा गया है।
विधायक जीतू पटवारी ने तीन सालों में शराब, पेट्रोल, डीजल पर लगने वाले अलग-अलग टैक्स तथा प्रोफेशनल टैक्स से मिलने वाली राशि का ब्यौरा विधानसभा के माध्यम से सरकार के मांगा। साथ ही पूछा कि पेट्रोल डीजल की तरह शराब पर कितना सेस लगाया गया है। इसके जवाब में वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि शराब पर कोई सेस नहीं लगाया गया है।
सवाल यह है कि शिवराज सिंह सरकार शराब को सस्ता और पेट्रोल-डीजल को महंगा क्यों रखना चाहती है। जबकि यदि वो शराब पर टैक्स बढ़ाकर उसे महंगा कर दे तो उसे काफी फायदा होगा। सरकारी रिकॉर्ड बताता है कि शिवराज सरकार में सबसे कम शराब की नई दुकानें खोली गईं फिर भी बिक्री लगातार बढ़ती जा रही है। फिर पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाकर आम आदमी को परेशान क्यों किया जा रहा है।