
मेघवाल के मुताबिक पंड्या ने ट्वीट किया था, 'कौन आंबेडकर? वह व्यक्ति जिसने देश के संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया या फिर वह जिसे देश को आरक्षण नाम की बीमारी दे दी।' पंड्या की इस टिप्पणी के खिलाफ मेघवाल ने याचिका दाखिल की थी। खुद को राष्ट्रीय भीम सेना का सदस्य बताने वाले मेघवाल ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके जैसे क्रिकेटर ऐसी टिप्पणी कर न सिर्फ संविधान का अपमान किया है बल्कि दलित समुदाय की भावनाओं को भी आहत किया है।
मेघवाल ने कहा, 'जनवरी में सोशल मीडिया के जरिए मुझे हार्दिक पंड्या की टिप्पणी के बारे में जानकारी मिली। यह अंबेडकर जैसी हस्ती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी थी। इसके अलावा यह समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाली थी।'