प्रतियोगी परीक्षाओं में आधार अनिवार्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को निर्देश दिया कि नीट-2018 (NEET 2018) और अन्य अखिल भारतीय प्रवेश एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के पंजीकरण के लिए आधार संख्या अनिवार्य नहीं की जाये। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने सीबीएसई को निर्देश दिया कि वह अपनी वेबसाइट पर इस सूचना को अपलोड करे। इससे पहले, विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि उसने नीट-2018 की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिये आधार संख्या का पंजीकरण अनिवार्य करने के लिये सीबीएसई को अधिकृत नहीं किया है।

पहचान के लिए इन्हें कर सकते हैं इस्तेमाल
अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि उन्हें विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से उन्हें प्राप्त निर्देश के अनुसार परीक्षा में पंजीकरण के लिये जम्मू कश्मीर, मेघालय और असम की तरह ही पहचान के साक्ष्य के रूप में सीबीएसई पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकती है। नीट-2018 की परीक्षा में शामिल होने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिये आधार संख्या या आधार पंजीकरण संख्या अनिवार्य करने के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने यह टिप्पणी की।

हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
गुजरात उच्च न्यायालय ने सीबीएसई के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका 27 फरवरी को खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय के इस निर्णय को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गयी थी। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि जम्मू- कश्मीर, मेघालय और असम की तरह, परीक्षा के लिए भी अन्य आईडी प्रूफ दिए जा सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
गौरतलब है कि सीबीएसई ने NEET की परीक्षा में शामिल होने के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर परीक्षा के लिए आवेदन में आधार को अनिवार्य करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि जब सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है तो आधार को टेस्ट के आवेदन के लिए कैसे अनिवार्य बनाया जा सकता है?

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !