नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के आमचुनाव की तैयारियां शुरू कर दीं हैं लेकिन इस बार एक बड़े बदलाव के साथ पार्टी चुनाव में नजर आएगी। बताया जा रहा है कि करीब 200 सीटों पर उन नेताओं को टिकट नहीं मिलेंगे जिन्हे 2014 में दिए गए थे। इनमें से कई सांसद भी हैं। कहा जा रहा है कि करीब 50 प्रतिशत सांसदों के टिकट कट होने वाले हैं। पार्टी ने फैसले को फाइनल करने से पहले इन सांसदों की पड़ताल शुरू कर दी है। गैर राजनैतिक संगठन के कुछ लोग इन सांसदों की गोपनीय रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। अपने क्षेत्र में इनकी परफॉर्मेंस पता की जा रही है और इनके सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी निगरानी की जा रही है।
‘द वीक’ से बातचीत में एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ”दोनों, प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और पार्टी अध्यक्ष (अमित शाह) सांसदों के प्रदर्शन का आंकलन कर रहे हैं। वे सबसे खुश नहीं हैं। परफॉर्मेंस के आधार पर उम्मीदवारों का चुनाव होगा। पूर्वी भारत में भाजपा की चुनावी रणनीति में अहम भूमिका निभाने वाले इस नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ सांसदों से मुलाकात की थी। जहां उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि जिन्होंने परफॉर्म नहीं किया, वे अगली बार टिकट की आस न लगाएं। पार्टी ने 2019 के चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन की योग्यताएं तय कर दी हैं।
बीजेपी नेताओं के अनुसार, वरीयता उन्हें दी जाएगी जिन सांसदों ने अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया है, केंद्रीय प्रोजेक्ट्स को लोकसभा क्षेत्र में बेहतर ढंग से लागू कराया हो और सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव हों। सोशल मीडिया में दक्ष होने का मतलब इन प्लेटफॉर्म्स पर कई लाख फॉलोअर्स होने से है। एक नेता ने कहा, ”सोशल मीडिया पर जिनकी बड़ी फॉलोइंग है वे जरूर अपने क्षेत्र में लोकप्रिय हैं।”