भोपाल। यदि आप कुछ बनना चाहते हैं परंतु प्रवेश परीक्षाओं में पीछे रह जाते हैं तो एक चांस (DENTISTA) आपके सामने है। दंत चिकित्सा में पीजी (एमडीएस) कीजिए। यहां कतार बहुत कम है। लोग एडमिशन लेने ही नहीं आ रहे। कॉलेजों की खाली सीटें भरने के लिए डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने न्यूनतम अंक जारी कर दिए हैं। रिजर्व श्रेणी में 10 परेसेंटाइल (115 अंक) लाने पर भी एमडीएस कोर्स में दाखिला मिल जाएगा। अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए यह अंक 149 (20 परसेंटाइल) व दिव्यांग श्रेणी के लिए 133 (15 परसेंटाइल) रखा गया है।
इसके पहले अनारक्षित श्रेणी न्यूनतम परसेंटाइल 50, आरक्षित के लिए 40 और दिव्यांगों के लिए 45 रखे गए थे। बता दें कि एमडीएस में दाखिले के लिए होने वाली नीट परीक्षा में कुल 960 अंक होते हैं। डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) सदस्य डॉ. चंद्रेश शुक्ला ने बताया कि कुल सीटों के कम से कम तीन गुना उम्मीदवार होने चाहिए।
देशभर में छह हजार सीटें एमडीएस की हैं, पर उम्मीदवार करीब 10 हजार ही होते हैं। इसी वजह से न्यूनतम अंक कम किए गए हैं। करीब हफ्ते भर पहले डीसीआई ने हर श्रेणी में न्यूनतम अंक कम करने की बात कही थी। दो दिन पहले इसके निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बता दें कि मप्र में बामुश्किल 10 फीसदी सीटें ही हर साल भर पाती हैं।