
डीसीपी (नॉर्थ-वेस्ट) असलम खान के मुताबिक, 27 साल का आरोपी अवधेश शाक्य, बच्चे (आशीष) के घर में करीब 8 साल किराए पर रहा, लेकिन उसके पार्टी करने पर मकान मालिक को एतराज था। इसके बाद उसने पड़ोस के दूसरे मकान में कमरा किराए पर ले लिया। 7 जनवरी को बच्चा घर के पास से अचानक गायब हो गया। पेरेंट्स ने दिल्ली पुलिस के पास गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस दौरान अवधेश भी नाटक करते हुए कई बार उनके साथ थाने गया। जांच के दौरान फैमिली ने अवधेश पर भी शक जताया, लेकिन पूछताछ में अवधेश ने पुलिस को भ्रमित कर दिया।
बदबू आने पर कहता था- चूहे मरे हैं
इसी बीच, कुछ पड़ोसियों ने अवधेश के कमरे से बदबू आने की शिकायत की। उसने चूहे मरे होने का हवाला देकर लोगों को गुमराह कर दिया लेकिन जब पुलिस टीम ने रूम में तलाशी ली तो एक सूटकेस से आशीष की बॉडी मिली। पुलिस के मुताबिक, बॉडी को देखकर ऐसा लग रहा है कि किडनैपिंग वाले दिन ही बच्चे की हत्या कर दी गई। हत्या कैसे की गई इसकी जांच हो रही है। शक है कि अवधेश बॉडी को ठिकाने लगाने की फिराक में था, लेकिन इलाके में लगातार पुलिस की मौजूदगी के चलते उसे मौका नहीं रहा था।
आरोपी को अंकल कहता था विक्टिम
बच्चे की मां ने बताया कि बेटा अवधेश को अंकल बुलाता था। वह उसे अक्सर छोले-कुलचे खिलाता और नई साइकिल दिलाने का भी वादा किया था। 7 जनवरी को बेटे ने चाची के घर जाने की बात कही थी, लेकिन फिर लौटकर नहीं आया। बता दें कि वेस्ट यूपी से ताल्लुक रखने वाला आरोपी सिविल सर्विजेस की तैयारी कर रहा है। वह तीन बार एग्जाम दे चुका है। दो बार UPSC प्री-एग्जाम क्लियर भी कर लिया।