नई दिल्ली। नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के स्वरूप नगर में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे 27 साल के युवक ने पड़ौस में रहने वाले 7 साल के मासूम को किडनैप कर मार डाला और फिर उसकी लाश को सूटकेस में बंद कर दी। बदमाश आरक्षित वर्ग से है एवं 2 बार UPSC प्री-एग्जाम क्लियर कर चुका है। वो इतना शातिर है कि 38 दिन तक पुलिस के सामने आता जाता रहा परंतु पुलिस उस पर शक नहीं कर पाई। यहां तक कि शव में आ रही बदबू को लेकर भी उसने पड़ौसियों को कंफ्यूज कर दिया लेकिन जब बदबू बहुत ज्यादा बढ़ गई और एक वृद्ध ने बदबू को पहचान लिया तब कहीं जाकर मामले का खुलासा हुआ।
डीसीपी (नॉर्थ-वेस्ट) असलम खान के मुताबिक, 27 साल का आरोपी अवधेश शाक्य, बच्चे (आशीष) के घर में करीब 8 साल किराए पर रहा, लेकिन उसके पार्टी करने पर मकान मालिक को एतराज था। इसके बाद उसने पड़ोस के दूसरे मकान में कमरा किराए पर ले लिया। 7 जनवरी को बच्चा घर के पास से अचानक गायब हो गया। पेरेंट्स ने दिल्ली पुलिस के पास गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस दौरान अवधेश भी नाटक करते हुए कई बार उनके साथ थाने गया। जांच के दौरान फैमिली ने अवधेश पर भी शक जताया, लेकिन पूछताछ में अवधेश ने पुलिस को भ्रमित कर दिया।
बदबू आने पर कहता था- चूहे मरे हैं
इसी बीच, कुछ पड़ोसियों ने अवधेश के कमरे से बदबू आने की शिकायत की। उसने चूहे मरे होने का हवाला देकर लोगों को गुमराह कर दिया लेकिन जब पुलिस टीम ने रूम में तलाशी ली तो एक सूटकेस से आशीष की बॉडी मिली। पुलिस के मुताबिक, बॉडी को देखकर ऐसा लग रहा है कि किडनैपिंग वाले दिन ही बच्चे की हत्या कर दी गई। हत्या कैसे की गई इसकी जांच हो रही है। शक है कि अवधेश बॉडी को ठिकाने लगाने की फिराक में था, लेकिन इलाके में लगातार पुलिस की मौजूदगी के चलते उसे मौका नहीं रहा था।
आरोपी को अंकल कहता था विक्टिम
बच्चे की मां ने बताया कि बेटा अवधेश को अंकल बुलाता था। वह उसे अक्सर छोले-कुलचे खिलाता और नई साइकिल दिलाने का भी वादा किया था। 7 जनवरी को बेटे ने चाची के घर जाने की बात कही थी, लेकिन फिर लौटकर नहीं आया। बता दें कि वेस्ट यूपी से ताल्लुक रखने वाला आरोपी सिविल सर्विजेस की तैयारी कर रहा है। वह तीन बार एग्जाम दे चुका है। दो बार UPSC प्री-एग्जाम क्लियर भी कर लिया।