ग्वालियर। 91 फीसदी कम बिजली खपत होने का दावा करने के साथ ही उजाला एलईडी बल्ब वितरण योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने शुरू की थी। ये एलईडी बल्ब 3 साल की गारंटी के साथ बेचे गए थे परंतु एल साल पूरा नहीं हो पाया और खराब होने लगे। दुकानदारों के पास खराब बल्बों का ढेर लग गया है। इधर सरकार का अक्षय ऊर्जा विभाग खराब बल्बों का रिप्लेस नहीं कर रहा है। दुकानदार परेशान है। वो ग्राहक और सरकार के बीच फंस गया है।
हालात यह हैं कि दुकानदार और ग्राहकों में झगड़े की नौबत आ रही है। शहर के इंदरगंज इलाके में स्थित अक्षय ऊर्जा शॉप के मालिक ने इसी झगड़े के चलते पांच दिन बाद मंगलवार को दुकान खोली। उनका कहना है कि तीन साल की गारंटी के साथ इन बल्बों को ग्राहकों को बेचा गया था। लेकिन कुछ बल्ब खराब हो गए जिन्हें बदलने के लिए ग्राहकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया।
लेकिन सरकार की ओर से बल्ब की सप्लाई नहीं की गई जिससे उनके गोदाम में अब तक 60 हजार से ज्यादा एलईडी बल्ब इकट्ठा हो चुके हैं। एलईडी बल्ब खरीदते समय ग्राहकों को तीन साल की गारंटी का बिल भी दिया जाता है। इन बल्बों को सूर्या, फिलिप्स, क्राम्पटन सहित आधा दर्जन कंपनियां बना रही हैं।
कुछ बोलने को तैयार नहीं अफसर
लगभग 70 रुपए में मिलने वाले इन एलईडी बल्ब को लेकर अक्षय ऊर्जा विभाग के अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। पता चला है कि सरकारी सप्लाई के लिए ये कंपनियां जो बल्ब बना रही हैं उनमें घटिया क्वालिटी के कंपोनेंट इस्तेमाल किए जा रहे हैं। जिससे ये बल्ब जल्द खराब हो रहे हैं। वहीं कंपनियों के खुद के बल्ब जिनकी कीमत करीब 90 रूपए है, वे सही काम कर रहे हैं।