टीकमगढ आकाश शुक्ला: आईजी ने एसपी से जांच छीनी | TIKAMGARH NEWS

रतीराम गाडगेे/टीकमगढ। नगर सैनिक आकाश शुक्ला की हत्या की जॉच को एक सप्ताह से ज्यादा का समय बीत गया लेकिन जॉच अधिकारी किसी ठोस नतीजे पर नही पहुॅचे। जिससे मृतक के पिता रामनरेश शुक्ला एवं माता श्रीमती रेखा शुक्ला सहित परिजनो को जॉच अधिकारी पर संदेह हुआ। और सागर आईजी को एक प्रार्थना पत्र दिया। जिसमें मांग की गई। कि अन्य जिले के पुलिस अधिकारी से मामले की निष्पक्ष जॉच कराई जाये। सागर आईजी ने प्रार्थना पत्र पर कार्रबाई करते हुये। अन्य जिले के पुलिस अधिकारी एएसपी को जॉच अधिकारी बनाकर संपूर्ण मामले की जॉच नये सिरे से  करने का निर्देश दिया।  और पूर्ण अश्वासन दिया मामले की जॉच निष्पक्ष होगी।

बताते चले। बीती रात्रि 23 जनवरी की शाम करीब 7 बजे लगभग चन्देरा थाना में पदस्थ एएसआई जयशंकर शुक्ला,एएसआई संतोष तिवारी,आरक्षक जयहिन्द सिंह राठौर, पुष्पेन्द्र शर्मा, और डायल 100 का सरकारी ड्राईवर जावेद खॉन,के अलावा दो अन्य सिपाही नगर सैनिक आकाश शुक्ला को  साथ में लेकर डायल 100 में सवार होकर चन्देरा थाना से करीब दो किलो मीटर की दूरी पर स्थित बापूनगर पर गये। जहॉ पर पूर्व में ट्रक जप्त खडे थे। उक्त ट्रको को चन्देरा थाना प्रभारी पंकज मुदगल ने 13 जनवरी 2018 को जप्त किये थे। जप्त ट्रको को रेत माफिया घटना दिनांक को उठाने गया था। घटना स्थल पर वारदात के समय मौजूद मृतक आकाश शुक्ला के हमराही पुलिस जवानो ने आकाश शुक्ला की मौत रेत माफिया के ट्रक का टायर ब्लास्ट होने से मौत बताई गई थी। जबकि मृतक के परिजनो का कहना है। कि आकाश शुक्ला की मौत नही हत्या हुई है। और दोषी पुलिस अधिकारी हादसा का रूप देने का प्रयास कर रही है। परिजनो को प्रथम दृष्टया हत्या प्रतीत हो रही थी। जिसकी जॉच टीकमगढ एसपी और एडीसनल एसपी कर रहे है। 

मामले की जॉच के लिये, एसपी, एएसपी, एफएसएल टीम के साथ चन्देरा थाना से करीब दो किलो मीटर की दूरी पर घटना स्थल बापू नगर पहुॅचे जहा घटना को अंजाम दिया गया। घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जो तथ्य सामने आये वो चौकाने बाले आये। जैसा कि  बताया गया था कि टायर ब्लास्ट होने से आकाश शुक्ला की मौत हो गई। घटना स्थल पर ऐसा कोई तथ्य नही पाया गया। जबकि मृतक का शव देखने और घटना स्थल पर जो संकेत पाये गये वो हत्या की ओर ईशारा कर रहे है। घटना स्थल पर एसपी कुमार प्रतीक और एएसपी राकेश खाखा सहित एफएसएल टीम ने  निरीक्षण के दौरान  पाया मृतक आकाश शुक्ला का वोटर आईडी दो टुकडो में मिला। एक टुकडा ट्रक के पाहिया के अन्दर रेत में फसा था। दूसरा टायर से 12 फुट की दूरी पर जमीन पर पडा था। 

जिसे जॉच अधिकारी ने जप्त कर लिया था। घटना स्थल पर टायर ब्लास्ट होने से न तो घूल उडी  पाई गई थी। और न हबा के प्रैशर से गडढा बना पाया गया था, और जो ट्रक घटना स्थल पर मौजूद खडे थे। वो 13 जनवरी 2018 को जप्त किये थे। उक्त सभी ट्रक पंचर पाये गये। ट्रक का टायर ब्लास्ट हुआ प्रतीत नही हो रहा है। बल्कि  काटा हुआ लग रहा है। घटना दिनांक के 3 दिन बाद मृतक का वोटर आईडी कार्ड दो टुकडो में मिलना कई सबालो को जन्म दे रहा है।  जिसे पुलिस ने जप्त कर लिया।  अब सागर आईजी के निर्देश पर मृतक आकाश शुक्ला की नये सिरे से जॉच होगी।  

पुलिस की कहानी पर सुलगते सवाल
1. जिन ट्रको से हादसा बताया जा रहा है। वो ट्रक 13 जनवरी 2018 को पुलिस ने जप्त किये थे। उक्त ट्रको का जुर्माना ट्रक माफिया ने 22 जनवरी 2018 को कलेक्टर कार्यालय में अदा कर दिया। और रीजलिंग आर्डर 23 जनवरी को प्राप्त कर जप्त ट्रक उठाने गया मालिक जब आल रेडी ट्रक मालिक ने आर्डर प्राप्त कर लिया, तो पुलिस को हस्तक्षेप करने की क्या जरूरत थी। इस बात की पुष्टि माइनिंग इंसपेक्टर पंकज ध्वज ने की।
2. आकाश शुक्ला के मुह से ब्लेड आना। स्वेटर फटना,बटना टूटना,पीएम रिपोर्ट में गंभीर चोट आना ये टायर ब्लास्ट है। कि हत्या।
3. डायल 100 की सभी गाडिया  आल रेडी भोपाल कंट्रोलरूम से नियंत्रित होती है। फिर चन्देरा पुलिस ने क्यो गश्त के लिये 100 डायल का उपयोग किया।

4. घटना स्थल पर जॉच अधिकारी को घटना दिनांक से 3 दिन बाद आकाश शुक्ला का वोटर आईडी कार्ड दो भागो में मिलना संदेह की ओर ईशारा कर रहा है। एक टुकडा ट्रक के पाहिया के पास दूसरा 12 फुट की दूरी पर मिलना सबालो के घेरे में है। जिसे जॉच अधिकारी ने जप्त कर लिया है।
5. अगर यह हादसा था, तो जिम्मेदार एएसआई ने आकाश शुक्ला के परिजनो को बताने की जगह उसके शव को पुलिस कई घण्टो क्यो छिपाये रही। जबकि थाना के सामने आकाश शुक्ला का भाई दुकान पर बैठा था। पुलिस ऐसे तमाम सबालो के घेरे में जो लोगो के जैहन में नही उतर रहे है।
6. मृतक आकाश शुक्ला की पीएम रिपोर्ट में गर्दन में गंभीर चोट लगना मौत का कारण।
7. टायर के जानकारो का कहना है। कि जब टायर ब्लास्ट होता है। तो टायर के रेशे निकल आते है। और जो ब्यक्ति पास में खडा रहेगा उसके चीथडे उड जाते है। जबकि आकाश शुक्ला की मौत के वक्त न तो टायर के रेशे निकले और न मृतक के चीथडे उडे पाये गये। जिससे पुलिस की कहानी पर हर एक को संदेह हो रहा है। 
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