नोटबंदी के आसपास तेजी से बढ़ता गया PNB महाघोटाला | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। NIRAV MODI के NARENDRA MODI और RAHUL GANDHI कनेक्शन पर बहस चल रही है। 11400 करोड़ के PUNJAB NATIONAL BANK के महाघोटाले पर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर दोष लगा रहे हैं, अपनी दलीलें और सबूत पेश करने की कोशिश कर रहे हैं परंतु बैंक के दस्तावेज सारे भ्रम और अफवाहों को दूर करते चले जा रहे हैं। बैंक डाक्यूमेंट्स बताते हैं कि इस SCAM की शुरूआत भले ही मनमोहन सिंह सरकार के समय हुई हो परंतु घोटाले का साइज नोटबंदी के आसपास तेजी से बढ़ता गया। इस महाघोटाले के ज्यादातर साख पत्र यानी लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (LoUs) 2017-18 के दौरान जारी किए गए या उन्हें रिन्यू किया गया। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस संबंध में गुरुवार को एक और एफआईआर दर्ज की गई है। जिसके तहत घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने अपनी तीन कंपनियों के जरिए पंजाब नेशनल बैंक से 4,886.72 करोड़ रुपये हासिल किए। बैंक से ये रकम 143 एलओयू के जरिए हासिल की गई।

अब तक 6,498 करोड़ की FIR

अखबार ने इस केस की पहली एफआईआर के आधार पर लिखा है कि सबसे पहले इस मामले में 8 एलओयू के जरिए 280.7 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी। एफआईआर में ये बात भी लिखी गई है कि ये एलओयू 2017 में जारी किए गए। अब सीबीआई ने पीएनबी से मिली नई जानकारी इस एफआईआर में जोड़ी है, जिसके आधार पर पहली एफआईआर के तहत करीब 6,498 करोड़ के घोटाले का मामला बन रहा है। 

गीतांजलि जेम्स, नक्षत्र और गिली का खेल

सीबीआई ने इस संबंध में बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ की है, जिसमें ये बात सामने निकलकर आई है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने एलओयू रिन्यू कराने का खेल भी किया और बड़ी रकम हासिल की। ये केस पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई शाखा से जारी 143 साख पत्रों से संबंधित है। इन साख पत्रों के आधार पर धोखाधड़ी पूर्ण तरीके से 4,886 करोड़ रुपये जारी किए गए। यह राशि तीन कंपनियों गीतांजलि जेम्स, नक्षत्र और गिली को 2017-18 में जारी की गई। हालांकि, ये पूरा मामला 11,400 करोड़ रुपये के 293 साख पत्र का है।

राहुल से होटल में मिले थे नीरव

बीजेपी ने पीएनबी धोखाधड़ी को यूपीए सरकार का घोटाला करार देते हुए दावा किया कि एक सरकारी बैंक पर दागी कारोबारी नीरव मोदी को 2013 में लोन देने के लिए दबाव डाला गया था। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 13 सितंबर 2013 को राहुल गांधी दिल्ली के एक होटल में नीरव मोदी की ज्वैलरी एग्जीबिशन में गए थे और उसके अगले ही दिन इलाहाबाद बैंक ने उनके ऋण की मंजूरी दी थी। जबकि बैंक के एक निदेशक दिनेश दूबे ने इसका विरोध किया था।

नरेंद्र मोदी को सब पता था

वहीं कांग्रेस ने इस मामले में सीधे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सात मई 2015 को वैभव खुरानिया नाम के एक शख्स ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को इस घोटाले की जानकारी दी थी लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। 

घोटाला 21 हजार करोड़ का हो गया

कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि बीजेपी और मोदी सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों थी? साथ ही नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भागने की 'इजाजत' कैसे दी गई।इतना ही नहीं सुरजेवाला ने ये भी दावा किया है कि भारत का सबसे बड़ा बैंक लूट घोटाला बढ़कर अब 21,306 करोड़ का हो गया है। 

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