
काॅलोनी को विकसित करने की सुप्रीम कोर्ट में याचिका
पर्ल्स प्लाट' होल्डर्स संघर्ष कमेटी के प्रधान गुरसेवक सिंह संधू, जगमेल सिंह, मक्खन लाल, मनीष पांधी ने बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर मांग रखी है कि पंजाब में बठिंडा और मोहाली में ग्रुप की काॅलोनियों में विकास के लिए बीडीए और पुडा को आदेश दिए जाए। इसमें कोर्ट ने लोढ़ा कमेटी को अपनी टिप्पणी देने के लिए एक महीने का समय दिया है। सेबी दो साल से पीएसीएल और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ रिकवरी की प्रक्रिया चला रही है। इनमें त्रिलोचन सिंह, सुखदेव सिंह, निर्मल सिंह भंगू प्रमोटर्स हैं। कंपनी अपने निवेशकों को 49100 करोड़ रुपए नहीं चुका पाई है। मार्केट रेगुलेटरी सेबी ने पीएसीएल लिमिटेड और उसके 4 डायरेक्टर्स पर 2,423 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। पीएसीएल पर लोगों से विभिन्न स्कीम के जरिए 49000 करोड़ से ज्यादा का फंड जुटाने का आरोप है।
केस के प्रमुख बिंदू
पीएसीएल पर आरोप है कि वह देशभर में जमीनों की खरीद-बिक्री करने संबंधी रियल इस्टेट गतिविधियों के लिए एक इन्वेस्टमेंट स्कीम चला रही थी।
करीब 15 वर्षों की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अगस्त 2014 में सेबी ने कंपनी को 49,100 करोड़ रुपए लौटाने का निर्देश दिया।
कंपनी से रिफंड की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिटी की निगरानी में की जा रही है। सेबी का कहना है कि मामले को देखते हुए कंपनी पर जुर्माना भी लगाने जरूरत है।
चार डायरेक्टर्स पर जुर्माना
सेबी ने पीएसीएल लिमिटेड के अलावा कंपनी के जिन चार डायरेक्टर्स पर जुर्माना लगाए हैं उनमें त्रिलोचन सिंह, सुखदेव सिंह, गुरमीत सिंह और सुब्रत भट्टाचार्य है। पीएसीएल ने इन्वेस्टर्स के लिए अलग-अलग स्कीम्स चलाता था। कंपनी ने करीब 5 करोड़ लोगों से 49100 करोड़ रुपए विभिन्न स्कीमों के जरिए जमा कराए थे। देशभर के निवेशकों ने जब अपने पैसे वापस मांगने चाहे तो पीएसीएल आनाकानी करने लगी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद सेबी ने पाया कि पीएसीएल ने इन्वेस्टर्स से अवैध तरीके से पैसा बनाया है। इन्वेस्टर्स को पैसे वापस करने की दिशा में सेबी ने पीएसीएल के वाहनों की नीलामी भी की। पर्ल्स ग्रुप की बठिंडा में काॅलोनी है जिसमें एक हजार प्लाट'होल्डर पैसा भी बकाया है। वही पंजाब में दूसरी बड़ी कालोनी मोहाली में बनाई गई है।