
कुछ महीने पहले जब पता चला कि विजया को ब्रेस्ट कैंसर है तो घरवालों के लिए और मुश्किलें आ गईं। विजया बिस्तर पर पड़ी थीं लेकिन कोई रिश्तेदार भी मदद को सामने नहीं आया। उन्होंने अपनी बेटी कलीश्वरी को एक चाइल्ड केयर सेंटर में भेज दिया। पड़ोसियों की मदद से किसी तरह बेटों ने विजया को डिंडीगुल के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। विजया की मौत के बाद उनके बेटे बड़ी मुश्किल में आ गए क्योंकि उनके पास अंतिम संस्कार करने के भी पैसे नहीं थे।
कोई और चारा ना देखकर दोनों ने अस्पताल कैंपस में ही भीख मांगना शुरु कर दिया। उनकी हालत समझकर कुछ लोगों ने मदद भी की। जब यह मामला हॉस्पिटल वेलफेयर की असोसिएट डायरेक्टर मालती प्रकाश के संज्ञान में आया तो उन्होंने बच्चों के साथ सहानुभूति जताई और अंतिम संस्कार का इंतजाम करवाया।