
हार के यह कारण सुनकर संगठन महामंत्री और सहसंगठन महामंत्री भी दंग रह गए। इस दौरान प्रभारियों के साथ ही अलवर,अजमेर और भीलवाड़ा के जिलाध्यक्ष भी मौजूद रहे। उपचुनाव में लगे संगठन प्रभारियों ने तो यह तक कह दिया कि यदि विधायक और जनप्रतिनिधी पूरे मनोयोग से उपचुनाव में लगते तो शायद बीजेपी की स्थिति इतनी खराब नहीं होती।
हालांकि बंद कमरे में हुई इस बैठक से मीडिया को दूर रखा गया तो वहीं बैठक खत्म होने के साथ ही इन नेताओं को यह भी चेता दिया गया कि वे इस मामले में मीडिया में कोई बयान न दे और बैठक की जानकारी गुप्त रखें। वहीं बैठक के बाद जब प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हार के कारणों की समीक्षा हो रही है और जो निचोड़ निकलेगा उस पर शीर्ष नेतृत्व के साथ ही चर्चा होगी।