
इसलिए फिलहाल तलाक पर चल रहा विचार
गौरतलब है कि एडीजे न्यायालय खाचरौद ने भेरूलाल के पेशी पर उपस्थित नहीं होने पर एकपक्षीय फैसला देते हुए 8 मार्च 2017 को ऋतु के पक्ष में फैसला देकर तलाश मंजूर किया था। लेकिन मामले में भेरूलाल ने निर्णय के खिलाफ फैसले को निरस्त करने का आवेदन न्यायालय को दिया है। इस पर 15 फरवरी को सुनवाई होना है।
हमारे पास नहीं बेटी, कैसे लें नोटिस
मामले में भेरूलाल के वकील कमल मालवीय ने बताया उनके पक्षकार की गैरमौजूदगी में न्यायालय ने फैसला दिया था। जैसे ही उनके पक्षकार को एकतरफा आदेश की सूचना मिली उन्होंने न्यायालय में प्रकरण को दोबारा चलाने का आवेदन प्रस्तुत कर दिया था, लेकिन पेशी पर उपस्थित होने का नोटिस ऋतु के माता-पिता स्वीकार नहीं करते। ऋतु को भी प्रकरण दोबारा शुरू होने की जानकारी नहीं दी गई। वे यह कहकर नोटिस तामील नहीं करते कि उन्हें बेटी के बारे में जानकारी नहीं है। ऋतु उनके साथ नहीं रहती लेकिन उनके झूठ की पोल जैन समाज द्वारा सोमवार को निकाले गए जुलूस ने खोल दी है। जिसमें ऋतु और उसके माता-पिता मौजूद रहे।
लौट आओ मां, हम अलग रहेंगे
ये गुहार है भेरूलाल और ऋतु के बेटे धरमेश की। उसने बताया ढाई साल पहले मां यह कहकर दिल्ली गई थी कि 15 दिन में लौट आऊंगी, लेकिन आज तक नहीं लौटी। मां बहुत याद आती है...कई बार नाना-नानी के पास जाकर बोला मिला दो मां से। लेकिन कहते हैं मां यहां नहीं है। आप बताओ अंकल बगैर मां के मैं कैसे रहूं, 10वीं में फेल हो गया हूं। ऐसा ही चलता रहा तो मैं कुछ कर लूंगा। अंकल आप ही बोलो न मेरी मां को उनका पापा से झगड़ा है तो रखे...वो बस लौट आए हम अलग घर ले लेंगे। मैं कुछ भी करके घर चलाऊंगा, प्लीज मुझे मेरी मां से मिला दो।