सीएम कैंडिडेट का फैसला दिल्ली में होगा, बैकफुट पर आए अरुण यादव | MP NEWS

भोपाल। परंपरा के नाम पर मप्र में बिना चेहरे के चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अब बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। ताजा बयान में यादव ने कहा है कि मप्र में सीएम कैंडिडेट का फैसला दिल्ली में होगा। हम इस बारे में कुछ नहीं कर सकते। इससे पहले यादव ने दावा किया था कि मप्र में कांग्रेस बिना चेहरे के चुनाव लड़ेगी। बता दें कि अरुण यादव खुद भी इस रेस में शामिल मानते हैं। 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव आज शिवपुरी में मीडिया से बात कर रहे थे। यहां कोलारस विधानसभा के लिए उपचुनाव चल रहे हैं। कांग्रेस ने महेन्द्र यादव को टिकट दिया है परंतु यहां का यादव समाज ही कांग्रेस प्रत्याशी के साथ नजर नहीं आ रहा है। अरुण यादव, अपने समाज बंधुओं को मनाने आए थे। यहां जब उनसे पूछा गया कि 'आप ज्योतिरादित्य सिंधिया से चिढ़ते क्यों हैं, जब कांग्रेस के ज्यादातर विधायक उन्हे सीएम कैंडिडेट बनाना चाहते हैं तो आप इस मांग को खाजिर क्यों कर रहे हैं।' यादव का जवाब था कि यह फैसला भोपाल नहीं दिल्ली में होगा। 

लोकसभा चुनाव की तैयारी नहीं कर रहे अरुण यादव
2014 के लोकसभा चुनाव में अरुण यादव को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। भोपाल समाचार ने उनसे पूछा कि 2019 के चुनाव के संदर्भ में उनकी क्या रूपरेखा है। यादव का जवाब था, अभी तो उसमें बहुत टाइम है। बता दें कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि वो 2019 में अरुण यादव को 2014 से भी शर्मनाक स्थिति में पहुंचा देंगे। यहां अरुण यादव समर्थक उन्हे सीएम कैंडिडेट मान रहे हैं। यादव की कोर टीम को लगता है कि शिवराज विरोधी लहर के कारण कांग्रेस बिना चेहरे के ही जीत जाएगी और प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सीएम की कुर्सी पर पहला हक अरुण यादव का होगा। 

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