प्रभात झा के विरोध में कर्मचारियों ने खून के दिए जलाए | MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश में सर्व कर्मचारी महागठबंधन संघ ने प्रभात झा के उस बयान का विरोध करते हुए अपनी खून के दिए जलाए जिसमें प्रभात झा ने कहा कि कर्मचारी उसी चीज को कटवाते हैं जो वापस उग आती है। कर्मचारी महागठबंधन संघ ने उनके बयान पर कहा कि बाल वापस आ जाते हैं पर जान वापस नहीं आती। अगर मध्य प्रदेश सरकार ने कल कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया तो प्रदर्शनकारी आत्मदाह करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार मामले पर सेबुध है। 

क्या कहा था प्रभात झा ने
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने कहा था कि आंदोलनकारी वही चीज़ कटवाते हैं जो दोबारा उग आतीं है। इससे पहले प्रभात झा ने अतिथि शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी बताते हुए चुनाव आयोग में उनकी शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। बता दें कि मप्र की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अतिथि शिक्षकों को अब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया है। अतिथि शिक्षक इसी दर्जा को प्राप्त करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। 

कौन है प्रभात झा
प्रभात झा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा में सांसद हैं। उन्होंने अपने जीवन में एक भी चुनाव नहीं लड़ा। प्रभात झा अपने विरोधियों को लेकर बड़े बयान देते हैं, खुद को दबंग नेता कहलाना पसंद करते हैं परंतु उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन में अपने दम पर कोई बड़ा आंदोलन भी नहीं किया।  प्रभात झा का जन्‍म 6 अप्रैल 1957 को बिहार के दरभंगा के हरिहरपुर ग्राम में हुआ था। मूलत: बिहारी हैं। उन्होंने ग्‍वालियर के पीजीवी कॉलेज से राजनीति शास्‍त्र में बीएससी, माधव कॉलेज से राजनीति शास्‍त्र में ही एमए तथा एमएलबी कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।

1975 में प्रभात झा की शादी रंजना झा से हुई और उनके दो पुत्र हैं। विवाह के उपरांत वे स्वदेश अखबार में पत्रकारिता करने लगे। यहीं से उन्होंने आरएसएस में अपनी पकड़ बनाई और राजनीति में आ गए। अप्रैल 2008 में उन्हे राज्यसभा सांसद बनाकर भेजा गया। प्रभात झा ने कथावाचक आसाराम को रेप तथा अन्‍य आरोपों में कोर्ट का फैसला आने से पहले ही निर्दोष बता दिया था। 

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