
देर रात भोपाल, एयरपोर्ट, सीहोर, विदिशा, मंडीदीप के साथ भेल की फोम फेंकने वाली दमकल मशीनों के जरिए सुबह सात बजे तक आग पर काबू पाया जा सका। इसके लिए सेना के आधा सैकड़ा जवानों और दमकलों की भी मदद ली गई। दोपहर बारह बजे तक मिल के पिछले हिस्से से धुआं निकल रहा था।
रात ढाई बजे आग मशीन के पिछले हिस्से में धधकती दिखी तब मिल में काम कर रहे मजदूर शोर मचाते हुए बाहर भागने लगे। 2.40 बजे पुलिस और फायर कंट्रोल को सूचना दी गई। आग से पांच साल पहले नई यूनिट में लगी करोड़ों की नई मशीनें भी जल गर्इं। सुबह सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग मौके पर पहुंचकर मजदूरों को ढांढस बंधाया। आग लगने से करोड़ों के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।