
अमृता राय की नर्मदा डायरी लोकार्पित
नर्मदा परिक्रमा के दौरान अपने अनुभवों पर अमृता राय सिंह ने अपनी डायरी 'नर्मदा तीरे धीर समीरे प्राण अधार' शीर्षक से लिखी। इसका प्रकाशन युवा नेता सार्थक सेठी ने कराया। रविवार की सुबह जिलहरीघाट में आयोजित एक समारोह में डायरी की भूमिका के लेखक राजेन्द्र चंद्रकांत राय ने डायरी में लिखित विचरणों के बारे में प्रासंगित सूचनाएं दी। डायरी को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लोकार्पित करते हुए डायरी की पहली प्रति अमृता राय सिंह को भेंट की।
राजेन्द्र चंद्रकांत राय व सार्थक सेठी ने बताया कि यह डायरी अभी अधूरी है क्योंकि इसका लेखन परिक्रमा पूरी होने तक जारी रहेगा। शनिवार को नर्मदा महाआरती पर की गई व्यवस्थाओं से प्रभावित होकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यालय से सार्थक सेठी को पत्र भेजा गया जिसमें उन्होंने व्यवस्थाओं की प्रशंसा की।