जबलपुर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा बारिश में भी नहीं थमी। दोपहर 12 बजे जिलहरीघाट से परिक्रमा शुरू हुई। उन्होंने सगड़ा में रात्रि विश्राम किया। जिलहरीघाट में आयोजित एक कार्यक्रम में नर्मदा पर अपने अनुभवों पर लिखी अमृता राय सिंह की डायरी का लोकार्पण दिग्विजय सिंह ने किया। बारिश के बावजूद परिक्रमावासी नर्मदे हर के साथ चलते रहे। दिग्विजय सिंह, उनकी पत्नी अमृता सिंह, पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा के साथ सैकड़ों लोग नर्मदा परिक्रमा करते रहे।
अमृता राय की नर्मदा डायरी लोकार्पित
नर्मदा परिक्रमा के दौरान अपने अनुभवों पर अमृता राय सिंह ने अपनी डायरी 'नर्मदा तीरे धीर समीरे प्राण अधार' शीर्षक से लिखी। इसका प्रकाशन युवा नेता सार्थक सेठी ने कराया। रविवार की सुबह जिलहरीघाट में आयोजित एक समारोह में डायरी की भूमिका के लेखक राजेन्द्र चंद्रकांत राय ने डायरी में लिखित विचरणों के बारे में प्रासंगित सूचनाएं दी। डायरी को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लोकार्पित करते हुए डायरी की पहली प्रति अमृता राय सिंह को भेंट की।
राजेन्द्र चंद्रकांत राय व सार्थक सेठी ने बताया कि यह डायरी अभी अधूरी है क्योंकि इसका लेखन परिक्रमा पूरी होने तक जारी रहेगा। शनिवार को नर्मदा महाआरती पर की गई व्यवस्थाओं से प्रभावित होकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यालय से सार्थक सेठी को पत्र भेजा गया जिसमें उन्होंने व्यवस्थाओं की प्रशंसा की।