
उल्लेखनीय है कि लगभग दो दशक पूर्व मवई जनपद पंचायत के ग्राम सठिया में इस गांव की प्रवेश सीमा में लगे एक हैंड पम्प के पास लगभग 6 नक्सलियों ने यहां एक रात रूक कर भोजन बनाया और बगैर कोई वारदात किये कही चले गये थे। तब जबलपुर में पुलिस डीआईजी विजय अग्निहोत्री ने सघन पुलिस सर्चिंग की रणनीति अपनाई और फिर कभी नक्सलियों की पुख्ता उपस्थित इस जनपद में सुनने को नही मिली। हां, इस बीच सेदा वन ग्राम के निकट खुदराहि वन विभाग के एक भवन में भी नक्सलियों के उत्पात की वारदात की खबर चर्चा में थी।
मंडला जिला को नक्सलवाद से चिन्हित की श्रेणी में रखा गया और नक्सलियों की आवा जाही की अपुष्ट खबरे चलती रही मवई जनपद का इलाका जहाँ घने जंगलों का है वही बालाघाट जिला और छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती भौगोलिक संरचनाओं के जुड़े होने से यह जनपद नक्सलियों की मौजूदगी या कहे इनका आवाजाही का शरण गाह माना जाता रहा है।
मंडला जिला का पुलिस थाना मोतीनाला और मवई को पुलिस इसे अति संवेदनशील नक्सलियों की मुव्हमेंट को मानकर यहां सदैव सतर्क रहती हैं। 12 फरवरी 18 को आखिरकार मोतीनाला पुलिस थाना के अनेक ग्रामो और फैन अभ्यारण जो कान्हा टाइगर रिजर्व से जुड़ी हैं में इस अभ्यारण की नीम पानी वन चौकी में लगभग एक दर्जन नक्सलियों के दल ने इस चौकी में उत्पात और लूटपाट को अंजाम दे ही दिया हैं।
कान्हा टाइगर रिजर्व के सन्युक्त संचालक के एस भदौरिया ने आज स्वीकार किया और बताया कि फैन सेन्चुरी की वन चौकी में 12 फरवरी को नक्सलियों के एक दल ने चौकी के वन रक्षक और तीन श्रमिको को चौकी में धावा बोल कर्मचारियों को बंधक बना वायरलेस सेट मोबाईल और कैमरा अपने साथ नक्सली ले गए। बताया गया हैं कि इस नक्सली दल में महिला भी शामिल थी। फैन सेंचुरी में नक्सलियों द्वारा लूट पाट और बंधक बनाने की पुलिस रिपोर्ट वनपरिक्षेञ अधिकारी फैंन सेंचुरी सीताराम राजुलकर ने मोतीनाला थाना में 18 फरवरी 18 को की है।